गिरिडीह
जिले के तिसरी प्रखंड में किन्ही भी राशन डीलर को उनके घर तक पहुंचा कर अनाज नहीं दिया जा रहा है और नाही राशन ले कर जा रहे किसी भी वाहन में जीपीएस लगाया गया है। इतना ही नहीं उक्त वाहनों में किसी प्रकार का बोर्ड भी नहीं लगाया गया और कई वाहन ऐसे भी है जिनके इंश्योरेंस और फिटनेस फेल हो चुके हैं।
आपको बता दें कि तिसरी प्रखंड में करीब एक वर्ष पूर्व ही डीएसडी का टेंडर खत्म हो गया है, जिसके बाद से यहां के डीलरो की परेशानी बढ़ गई है। हालांकि विभागीय सूत्रों की बात करें तो बीते 15 तारीख को हो गिरिडीह के डीएसडी ठेकेदार को यहां का प्रभार दिया चुका है, लेकिन बावजूद अब तक उनके द्वारा यहां के डीलरो तक रजिस्टर्ड वाहन से राशन नहीं भेजा जा रहा है।
बताते चलें कि अभी जितने भी वाहन राशन लेकर जा रहे हैं किसी भी वाहन में जनवितरण का बोर्ड नहीं लगाया है और नाही जीपीएस लगाए गए हैं, जिससे राशन की कालाबाजारी बहुत आसान हो चुकी है। वहीं इन वाहनों में कुछ के रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं लिखे होने के कारण और कई वाहनों के फिटनेस और इंश्योरेंस फेल होने के कारण अगर किसी प्रकार की कोई दुर्घटना भी हुई तो पीड़ित को कोई मुआवजा भी नहीं मिल सकेगा।
इस संबंध में पूछे जाने पर नाम नहीं लिखने की परिस्थिति में कुछ डीलर ने बताया कि जब से वर्तमान समय में उन्हें खुद से राशन लाना पड़ रहा है और इसके लिए उन्हें कम खर्च मुहैया कराया जा रहा है। इतना ही नहीं राशन के लोडिंग और अनलोडिंग का खर्च भी उन्हें अपनी जेब से उठाना पड़ रहा है।
इस मामले को लेकर गोदाम प्रभारी अरुण चौधरी ने कहा कि वर्तमान में किसी भी डीएसडी ठेकेदार को प्रभार नहीं मिला है, जिस कारण डीलर अपने निजी वाहन से राशन लेकर जा रहे हैं। कहा कि सभी राशन डीलर को राशन ले जाने के बदले सरकार से अलग खर्च दिया जा रहा है।
इधर मामले को लेकर जब फोन के माध्यम से जिला आपूर्ति पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सभी डीलर के पास राशन डीएसडी के माध्यम से जाना है। अगर निजी वाहन द्वारा राशन लेकर जाया जा रहा है तो इसकी जांच करवाई जाएगी।