Jharkhand: डायन-बिसाही के आरोप में घर पर हमला, महिला की लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या, पति-भाभी समेत तीन घायल


गुमला

सिसई थाना क्षेत्र के नगर चडरी टोली गांव के डायन-बिसाही में शनिवार की रात करीब साढ़े दस बजे गांव के ही 12-15 लोगों ने एक परिवार पर हमला कर दिया. इस दौरान 55 वर्षीय सालो देवी की लाठी-डंडे और टांगी से पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी, जबकि मृतक के पति अहलाद लोहरा (60 वर्ष), बहन सबिता कुमारी (50 वर्ष) और भाभी लक्ष्मी कुमारी (42 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हैं.

घटना की जानकारी मिलते ही थानेदार आदित्य कुमार चौधरी नगर गांव निवासी समाजसेवी दामोदर सिंह को घटना की जानकारी दी और तुरंत नगर चडरी टोली गांव भेजा और खुद एसआई राहुल झा के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. तब तक सभी लोग मौके से भाग गये. इस कारण अन्य तीन घायलों की जान बच गयी.

सूचना मिलते ही पुलिस ने तत्परता दिखाई 

पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया और तीनों घायलों को थाने ले आयी और घायलों का इलाज रेफरल अस्पताल में कराया. सुरक्षा के दृष्टिकोण से थानेदार आदित्य कुमार चौधरी, एसआई भवेश कुमार व राहुल झा पुलिस जवानों के साथ रात भर गांव में कैंप किये रहे. रात में ही एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल भी गांव पहुंचे और मामले की जानकारी ली. घटना के बाद मृतक के परिजनों में दहशत का माहौल है.

गांव के अधिकांश घरों में ताले लगे हुए हैं. लोग गायब हैं. गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. रविवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। रविवार को एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल और थाना प्रभारी आदित्य कुमार चौधरी की देखरेख में शव का अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के अलावा कोई भी ग्रामीण शामिल नहीं हुआ।

मुख्य आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर 

घायल सबिता कुमारी के आवेदन पर निरंजन उर्फ रंजन उराँव, मनोज उराँव, जिशु उराँव, अघनु उराँव, भैरो उराँव, सन्नी उराँव, बुधु उराँव, संदीप उराँव, सुकरो देवी, लालमुनि देवी, थानेदार आदित्य कुमार चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एसआई भवेश कुमार ने गुप्त सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए शहर के मध्य घोड़तोपा जंगल में पहाड़ के नीचे नाले की झाड़ी में छुपे गांव के ही 10 नामजद लोगों में से सात को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है. घटना का मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड निरंजन उरांव उर्फ रंजन पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.


बाली और रामकेश्वर ने भागकर अपनी जान बचाई

मिली जानकारी के अनुसार निरंजन उर्फ रंजन उरांव एक सप्ताह पहले गोवा से गांव आया था. इसके बाद से उसकी डेढ़ साल की बेटी की तबीयत बिगड़ने लगी। उसे संदेह था कि मृत चुड़ैल जादू-टोना कर रही थी। उसने जादू-टोना कर उसकी बेटी को बीमार कर दिया है. मृतक के पुत्र बाली लोहरा एवं रामकेश्वर लोहरा ने भागकर अपनी जान बचायी. अहलाद लोहरा के दो बड़े भाई रघु लोहरा और अकलू लोहरा नेत्रहीन हैं. उनकी देखभाल के लिए सबिता और लक्ष्मी ने शादी नहीं की है। विगत हो कि इससे पहले 2019 में चडरी टोली गांव से एक किलोमीटर दूर सिसकारी गांव में ग्रामीणों ने चार लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी.