Bihar: गोपालगंज में चिकित्सक के जख्म प्रतिवेदन ने पुलिस की खोली पोल, सी.जे.एम.ने कहा कि केस को ही मार डाला


गोपालगंज, बिहार
रिपोर्ट : सत्यप्रकाश

गोपालगंज जिले में पुलिस अनुसंधान में अपराध का लघुकरण कर अभियुक्तों को लाभ पहुंचाने की पुलिस की नियत पर गोपालगंज के प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी काफी हतप्रभ हो गये। पुलिस तो जनमानस की सुरक्षा और सहायता की प्रहरी मानी जाती है, ऐसे में अपराधियों को लाभ पहुंचाने के लिए कांड का लघुकरण कर देना बिल्कुल पुलिस का त्रुटी पूर्ण अनुसंधान का परिचायक है।
  
घटना कटेया थाना के मनीछापर की है, जहां 31 जुलाई 2021को साधु शर्मा के परिवार वालों पर जानलेवा हमला कर घायल कर दिया गया था। सभी घायलों का इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पंचदेवरी में कराया गया था। इस संबंध में कटेया थाना कांड संख्या 12/2021 धारा 341/323/325/307/504/427/379/34 भादवि दर्ज हुआ था। इस कांड में मीरगंज के पर्यवेक्षण पदाधिकारी सह पुलिस इंस्पेक्टर ने जख्म को नजरंदाज कर कांड से धारा 307 को हटा दिया और एक साधारण केस बना दिया गया था।
  
पुलिस ने साधारण धाराओं 341/323/504/427/34 भादवि के अन्तर्गत आरोप पत्र संख्या 274/22 समर्पित कर दिया। प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की न्यायालय ने साक्ष्य को देख जानलेवा हमले में संज्ञान लिया है तथा अभियुक्तों के विरूद्ध सम्मन का आदेश जारी किया है। न्यायालय ने स्थापित नियमों का दुरुपयोग करने वाले अनुसंधान कर्ता और वरीय पुलिस पदाधिकारी के विरूद्ध विधि सम्मत कार्रवाई करने के लिए सारण के डी.आई. जी. एवं ए. डी.जी. अपराध अनुसंधान विभाग पटना को पत्र जारी किया है।