कुत्तों के काटने से मौत पर मिलेगा मुआवजा, झारखंड विधानसभा में उठी मांग


रांची

झारखंड विधानसभा का बजट सत्र जारी है। बुधवार को विधानसभा में डॉग बाइट के बढ़ते मामलो पर चर्चा हुई। ना केवल विपक्ष, बल्कि सत्तापक्ष के विधायको ने भी माना कि झारखंड में कुत्तों द्वारा काटने के मामलो में काफी इजाफा हुआ है। आए दिन लोग डॉग बाइट का शिकार होते हैं और इसमें कइयो की जान भी चली जाती है। 
बगोदर से माले विधायक विनोद सिहं ने तो कहा कि यदि कुत्ते से काटने से किसी व्यक्ति की मौत होती है तो सरकार को मृतक के आश्रितों को मुआवजा देना चाहिए। 

एंटी रेबीज इंजेक्शन की उपलब्धता पर हुई चर्चा

गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा में बुधवार को कुत्तों के काटने और वैक्सीनेशन की सुविधाओ पर भी लंबा विचार विमर्श हुआ। भारतीय जनता पार्टी के विधायक बिरंचि नारायण ने कहा कि राजधानीरांची में 10 हजार लोगो ने कुत्ता पाल रखा है। लेकिन महज 72 लोगो के पास इसका लाइसेंस है। उन्होंने कहा कि हालिया दिनो में डॉग बाइट की दर्जनो घटनाएं घटी हैं। 

प्रतिवर्ष 20 हजार लोग डॉग बाइट में गंवाते हैं जान

बिरंचि नारायण ने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष 20 हजार लोग कुत्तों के काटने से अपनी जान गंवाते हैं। उन्होंने मांग की है कि प्रत्येक जिले में एक डॉग स्क्वायड का गठन किया जाना चाहिए। वही, बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि विधायक मद से कुत्तों को पकड़ने और और पीड़ित लोगो के लिए इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए। बगोदर से माले विधायक विनोद सिहं ने कहा कि अभी राज्य में कुत्तों के काटने पर होने वाली मौतों में मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है। सरकार को जल्द इस दिशा में कदम उठाना चाहिए।

झारखंड में 2014 के बाद डॉग बाइट में आया उछाल

बता दें कि झारखंड में 2014 के बाद से कुत्तों के काटने की घटना में उछाल देखा गया है। डॉग बाइट की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। 2014 में राज्य में 45,753 लोगो को कुत्ते ने काटा था। वहीं 2019 तक यह संख्या बढ़कर 71,725 तक पहच गई। हालांकि, कोरोना काल में डॉग बाइट की घटनाओ में कमी आई। 2020 में 47 फीसदी की कमी के साथ डॉग बाइट के केस 38,381 रह गए। 2021 में 31,708 मामले सामने आए। विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक आंकड़ा कहता है कि दुनिया में प्रतिवर्ष 55000 लोग डॉग बाइट से अपनी जान गंवाते हैं ।