गिरिडीह
तीन सालों में विवादों के कारण सुर्खियों में रहने वाला गिरिडीह नगर निगम में बुधवार को हुए नए मामले ने उपनगर आयुक्त से लेकर हर पदाधिकारियों की बोलती बंद कर दिया। चर्चित ठेकेदार राजेश शर्मा का टेंडर पेपर उसके स्टाॅफ शशि गुप्ता से छीनकर फाड़ दिया गया। लेकिन इसकी जानकारी उप नगर आयुक्त स्मृति कुमारी तक नहीं मिला। जबकि टेंडर पेपर फाड़ने का यह मामला सुबह करीब 11 बजे हुआ। लेकिन शाम सात बजे जब उपनगर आयुक्त स्मृति कुमारी से मामले में जानकारी ली गई तो उनका स्पस्ट कहना था कि उन्हें जानकारी नहीं क्या हुआ, पत्रकारों से ही इस घटना की जानकारी उन तक पहुंचा है। बहरहाल, ठेकेदार राजेश के स्टाॅफ शशि से टेंडर पेपर छीनकर फाड़ने और फिर इस घटना को अंजाम देने वाले का निगम कार्यालय से दिन के उजाले में फरार हो जाना। और घटना की जानकारी उप नगर आयुक्त तक नहीं मिल पाना, एक साथ कई सवाल पैदा कर रहा है। लेकिन बुधवार को निगम में जो हुआ, उसे गिरिडीह नगर निगम के हालात को समझा जा सकता है कि डिप्टी महापौर प्रकाश सेठ फिलहाल निगम में मूकदर्शक बनकर फिल्म का ट्रेलर देख रहे है। निगम के कार्यो में डिप्टी मेयर की भूमिका पूरी तरह से नग्णय है।
इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद नगर थाना की पुलिस भी घटनास्थल पहुंची। लेकिन घटना के बाद निगम के कई और ठेकेदारों द्वारा पूरे मामले को रफा-दफा करने का प्रयास भी होता रहा। रफा-दफा कराने के प्रयास में लगे ऐसे कई ठेकेदारों द्वारा मामले को हाईप्रोफाईल होने से बचाने जुगाड़ लगाते देखा गया। इधर ठेकेदार राजेश शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि बुधवार को निगम में अमृत योजना के मद से पचंबा में तालाब निर्माण का टेंडर होना था। करीब डेढ़ करोड़ के राशि से अमृत योजना से तालाब का निर्माण होना है। और बुधवार को टेंडर होने के दौरान वो अपने स्टाॅफ शशि गुप्ता को टेंडर पेपर देकर निगम के टेंडर बाॅक्स में डालने के लिए भेजा। इसी दौरान एक बाईक पर तीन माॅस्क पहने लोग घुसे, और उसके स्टाॅफ शशि से टेंडर पेपर छीनने के साथ उसे वहीं फाड़ते हुए फरार हो गए। ठेकेदार ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस पूरे मामले में निगम के कई और ठेकेदारों के संलिप्ता से इंकार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि निगम के हालात ऐसे है कि पूरे निगम को फिलहाल एक बड़े कुर्सी के इशारे पर संचालित किया जा रहा है। जिसके कारण बुधवार को यह घटना हुई।