Gopalganj: बेटे की जगह उतराधिकारी बनकर पोता ने हथियाया नौकरी , जांच पदाधिकारी ने कहा दादा ने लिया है गोद



गोपालगंज, बिहार
रिपोर्ट : सत्यप्रकाश 

गोपालगंज जिले में तीन बेटे ताकते रह गए और पोता ने मतदाता सूची में गलत प्रविष्टि कर अपने दादा को ही बाप बना बैठा .चौकीदारी की नौकरी के लिए किस किस प्रकार का पापड़ बेलकर नौकरी ले ही लिया. विभाग भी इतना इतना पाक साफ था कि न जांच, न पड़ताल और गलत प्रविष्टि के आधार पर मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवाने और पोता से बेटा बन जाने का सुअवसर प्रदान कर दिया. पोते को बेटा ही मान लिया और चौकीदार की नौकरी मुहैया करा दी. अब तो सीना तान के खाकी वर्दी पहन दारोगा, एसपी, डीएसपी सबका सागिर्द बना फिरता है और तनख्वाह के नाम पर मोटी रकम भी सरकारी खजाने का खाली कर रहा है.
 
दर असल यह फ्राड का मामला गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर पुलिस स्टेशन से जुड़ा हुआ है। इस पूरे मामले को गोपालगंज नगर थाना क्षेत्र के हजियापुर मुहल्ले के धर्मेन्द्र यादव ने उजागर किया है. धर्मेंद्र यादव ने गोपालगंज के डीएम को लिखे शिकायती पत्र में कहा है कि जयप्रकाश कुमार, चन्द्रेश्वर राय उर्फ वीरेंद्र राय का पुत्र है और मतदाता सूची में फ्राड कर अपना नाम दर्ज करवाया जिसमें पिता चंदेश्वर राय उर्फ वीरेंद्र राय की जगह दादा का नाम विश्वनाथ राय दर्ज करा लिया. वह सिरसा पुराना टोला गांव का निवासी है. जयप्रकाश कुमार बैकुंठपुर थाना में एक सरकारी चौकीदार है तथा वेतन भोगी कर्मचारी है.
   
जयप्रकाश कुमार के दादा विश्वनाथ राय पिता हिकायत राय बैकुंठपुर थाना में चौकीदार थे तथा वर्ष 2018 के पूर्व उन्होंने वोलेन्टीयर रिटायरमेंट ले लिए. बिहार सरकार की प्रकाशित मतदाता सूची में विश्वनाथ राय के तीन पुत्र कृष्णा राय वोटर कार्ड संख्या CBL 1112424, चन्द्रेश्वर राय वोटर कार्ड संख्या BR/04/026/5312 एवं कामेश्वर राय वोटर कार्ड संख्या BR/04/026/531286 हैं . चौकीदार विश्वनाथ राय वोलेन्टीयर रिटायरमेंट ले लिए तब वोटर लिस्ट में उनका पोता जयप्रकाश कुमार भी बेटा बन बैठा . दादा की वोलेन्टीयर रिटायरमेंट वाली नौकरी पा ली. 

मजे की बात तो यह है कि इसका कोई भौतिक सत्यापन किए बिना विभाग के अधिकारी ने अनुशंसा कर दी और जयप्रकाश कुमार ने नौकरी हथिया लिया. पूरा विभाग देखता है और विभाग की मदद से उसकी सैलरी भी निकलने लगी. वर्ष 2018 से उसकी बल्ले बल्ले हो गयी है और वह खाकी वर्दी के मजे लूट रहा है. अनेकों बार ग्रामीणों ने शिकायती पत्र दिया लेकिन जांच अधिकारी की मिलीभगत और रिश्वतखोरी की वजह से मामला बेपर्दा नहीं हुआ और फ्राड चौकीदार बचता रहा.
 
जिलाधिकारी डाक्टर नवल किशोर चौधरी ने इस बार जांच की जिम्मेदारी पुलिस इंस्पेक्टर को सौंपी है परन्तु आज भी संशय है. पुलिस इंस्पेक्टर का कहना है कि दादा विश्वनाथ राय ने इसे गोद लिया था, इसलिए वह जायज है. लेकिन तीन तीन पुत्रों के रहते किसी पिता का गोद लेना क्या वैध है ,इस सवाल पर इंस्पेक्टर साहब मुस्लिम कानून का हवाला देते नहीं थकते.
अगर मामला दूध का दूध और पानी का पानी हो गया तो कई जिम्मेदार लोग कठघरे में खड़ा हो जायेंगे. मतदाता सूची में गलत प्रविष्टि दर्ज होना,एक शैक्षणिक प्रमाण पत्र में दूसरा नाम और अन्य सर्टिफिकेट में कुछ दूसरा नाम यह सब फ्राड के पुख्ता प्रमाण हैं. विभाग इसलिए पर्दा नहीं हटा रहा क्योंकि इस प्रकरण में अनेक लोगों की शामत आ जायेगी.