मांडर, राँची
रिपोर्ट : डॉ. संजय प्रसाद
बाल कल्याण संघ रांची के द्वारा पुरे झारखंड में कई जगहों पर अंतर्राष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें कार्यक्रम की शुरुवात केक काट कर किया गया |संजय मिश्र, निदेशक बाल कल्याण संघ ने अपने संबोधन में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना है।
आज के दिन अनाथ, विकलांग और ग़रीब बच्चों की समस्याओं की ओर विशेष रूप से लोगों का ध्यान खींचा जाना ही कार्यक्रम का मुख्य उदेश्य है।सम्पूर्ण विश्व में प्रत्येक वर्ष 01 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस’ मनाया जाता है। यह दिवस सबसे पुराना अंतर्राष्ट्रीय उत्सव माना जाता है जो कि साल 1950 से मनाया जाता आ रहा है। हम सबों को अपने आस पास प्रत्येक दिन बहुत ही सजगता से रहना चाहिए और देखना चाहिए कि किसी भी बच्चों का अधिकार का हनन न हों ,बच्चों के सुरक्षा एवं अधिकार के लिए कई ऐसे योजनाऐं चल रहीं हैं | योजना का लाभ वैसे बच्चों तक पहुँच सके यही जबाबदेही हम सबों को तय करना होगा तभी हम एक सुन्दर कल का निर्माण कर सकते हैं।
हम सबों को इस विषय को बहुत ही गंभीरता से समझना होगा और इसमें हम सभी को एकजुट हो कर इस पर कार्य को करना होगा |कार्यक्रम में चाइल्ड लाइन धनबाद के टीम के द्वारा निरसा स्लम में जाकर स्लम के बच्चों के साथ इस कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमे लगभग १०० लोगों ने कार्यक्रम में भाग लिया। मौके पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुती स्लम के बच्चों के द्वारा किया गया |कार्यक्रम में उपस्थित सभी बच्चों ने यह संकल्प लिया की आज से हम सभी वैसे बच्चे को हर संभव मदद का प्रयास करेंगे जिससे उनका अधिकार का हनन न हो |
कार्यक्रम का आयोजन रांची हेहल स्लम ,खूंटी जिला के मुरहू में कोडाकेल गांव में एवं चाईबासा के स्लम एवं बालगृह बालकूंज में बहुत ही बृहद तरीका से आयोजित किया गया। बालकुंज के बच्चों के द्वारा जागरूकता के उदेश्य से कई नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति भी किया गया।कार्यक्रम में सभी स्लम के बच्चों ने अपने अपने तरीके से अपनी बातो को सभी के सामने रखा |कार्यक्रम को सफल बनाने में चाईबासा से मुकेश बारीक़ ,प्रमोद मिश्र,खुदीराम टुडू ,रुकमनी सिंह, खूंटी से अंजली ,बिक्की धनबाद से उमेश पासवान अभिमन्यु एवं रांची से शिवानी प्रिया, स्नेहा कुमारी,अरविन्द मिश्र, अंकित, श्वेता, ने अहम् योगदान दिया |