झारखंड
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को जौहर प्रोजेक्ट पोर्टल पर अपलोड योजनाओं की समीक्षा की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि सुशासन के लिए जरूरी है कि योजनाओं को समय पर पूरा किया जाए। योजनाओं में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। विशेष रूप से बजट में विभिन्न विभागों के लिए किए गए बजटीय प्रावधानों से कार्यों में तेजी आए। इसके लिए अधिकारियों को पूरी जिम्मेदारी और गंभीरता से काम करना होगा।
जोहर प्रोजेक्ट पोर्टल पर अपलोड योजनाओं की प्रथम समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री ने पहली बार जौहर प्रोजेक्ट पोर्टल पर अपलोड योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि इसमें कई बदलाव करने की जरूरत है. इस संबंध में होने वाली बैठक में मंत्री भी मौजूद रहेंगे, ताकि हर स्तर पर विस्तृत समीक्षा की जा सके.
विभागों के बीच समन्वय हो, योजनाओं की समुचित मॉनिटरिंग की है जरूरत
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही कई योजनाएं कई विभागों से जुड़ी हैं। ऐसे में विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय होना चाहिए, ताकि इसका क्रियान्वयन बेहतर तरीके से हो सके. उन्होंने विभागीय सचिवों से सभी योजनाओं की समुचित मॉनिटरिंग करने को कहा, ताकि इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी या समस्या होने पर उसका समाधान निकाला जा सके. इससे यह फायदा होगा कि योजनाएं समय पर पूरी होंगी।
सभी अधिकारी अपने विभागों की योजनाओं का आंकलन करें
मुख्यमंत्री ने विभागीय सचिवों से कहा कि वे अपने-अपने विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का आंकलन कर विस्तार से समीक्षा करें, ताकि उनका क्रियान्वयन सही तरीके से हो और सब कुछ सुचारू रूप से आगे बढ़ सके. दरअसल, कई योजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पाती हैं। योजनाओं में देरी से इसकी लागत भी बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए योजनाओं की सतत मानिटरिंग होनी चाहिए।
योजनाओं का लाइव सत्यापन होगा
सीएम हेमंत ने कहा कि योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है या नहीं. योजनाओं की प्रगति किस स्तर पर है। काम गुणवत्ता के साथ हो रहा है या नहीं। अब इसका लाइव सत्यापन किया जाएगा। सूचना प्रौद्योगिकी की मदद से इसकी व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत साइट से सभी योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली जाएगी। आप सभी अधिकारी इसके लिए अपनी तैयारी पूरी कर लें।
योजनाओं की समयरेखा बनाएं, कार्य संस्कृति में सुधार करें
उन्होंने अधिकारियों को सभी योजनाओं की समय-सीमा तय करने के निर्देश दिए। इसके तहत योजनाओं की डीपीआर तैयार करने, टेंडर प्रक्रिया शुरू करने, काम शुरू करने और उसे पूरा करने के लिए समय निर्धारित किया जाए। यदि योजनाओं में देरी हो रही है तो किस स्तर पर, कितनी देरी हुई, इसकी रूपरेखा भी तय की जाए। उन्होंने अधिकारियों से अपनी कार्यशैली में बदलाव लाने और पूरी जवाबदेही के साथ अपने कार्यों को सुनिश्चित करने को भी कहा।
फील्ड में जाएं अधिकारी, जानें योजनाओं की जमीनी हकीकत
मुख्यमंत्री ने विभागों के प्रमुख सचिवों/सचिवों को हर महीने अपना कार्यक्रम तय करने को कहा. इसमें कम से कम तीन से चार दिन के फील्ड विजिट को शामिल करें, ताकि उन्हें साइट पर सभी योजनाओं की जमीनी हकीकत पता चल सके और उसी के अनुसार आगे की रणनीति तय की जा सके।
जलापूर्ति योजनाओं के कार्यों में निर्धारित मानकों का पालन करें
उन्होंने कहा कि जलापूर्ति योजनाओं के लिए बिछाई जा रही पाइप लाइन को लेकर कई शिकायतें मिल रही हैं। जहां पाइप की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, इसे लगाने में मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। इससे जलापूर्ति योजना कैसे सफल होगी? इसे आसानी से समझाया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पाइप लाइन बिछाने में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इसमें जो भी मानक तय किए गए हैं, उसका पूरी तरह से पालन किया जाए।
जनकल्याणकारी योजनाओं पर विशेष फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। लेकिन, कई बार इसमें असमानताएं देखने को मिलती हैं। इसका लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाता है। यह किसी भी तरह से न्याय संगत नहीं है। सभी अधिकारी इसे गंभीरता से लें और जन कल्याणकारी योजनाओं को जरूरतमंदों एवं हितग्राहियों तक पहुंचाने का कार्य सुनिश्चित करें।
इतनी बड़ी व्यवस्था में कुछ गलतियां हैं, लेकिन उनमें सुधार किया जा सकता है
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार की इतनी बड़ी व्यवस्था में योजनाओं के क्रियान्वयन में गलतियां होती रहती हैं. लेकिन, इसकी संख्या इतनी भी नहीं होनी चाहिए कि सुशासन प्रभावित हो। अधिकारियों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। अगर कहीं गलतियां हो रही हैं तो समाधान निकालने की त्वरित पहल होनी चाहिए।
जोहर प्रोजेक्ट पोर्टल पर प्लान अपलोड करें
उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में 30 मई 2023 तक जोहार प्रोजेक्ट पोर्टल पर 1138 योजनाओं की जानकारी है. इसमें 931 योजनाओं का शिलान्यास किया जा चुका है, जबकि 207 योजनाओं को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है. वहीं, 595 योजनाओं का काम पूरा हो चुका है।
मुख्य रूप से इन परियोजनाओं की समीक्षा की गई
सुवर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना, 3x800 मेगावाट पतरातू सुपर थर्मल पावर स्टेशन के लिए संचरण योजना, साहेबगंज जिला अंतर्गत गुमानी बराज योजना, गोड्डा एवं सुंदर पहाड़ी रुरल पाइप वॉटर सप्लाई स्कीम सहित झारखंड कृषि ऋण माफी योजना, एशियन डेवलपमेंट बैंक संपोषित झारखंड अर्बन वॉटर सप्लाई इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट मेदिनीनगर निगम, विद्यासागर एवं जामताड़ा प्रखंड अंतर्गत सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना, कांटा टोली (रांची) फ्लाईओवर निर्माण परियोजना, सरैयाहाट प्रखंड सरैयाहाट ग्रामीण जलापूर्ति योजना, बाघमारा रूरल वॉटर सप्लाई स्कीम फेज-टू, बरलंगा- नेमरा-कसमार-खैराचातर पथ निर्माण कार्य, धोबा-धोबिन-खरपोश-बेनिसागर पथ निर्माण कार्य, रांची जिला अंतर्गत नेवरी विकास विद्यालय से बूटी मोड़, कोकर चौक-कांटा टोली- नामकोम आरओबी तक पथ निर्माण कार्य, साहिबगंज जिला अंतर्गत रांगा सिमरा-हिरन-डुमील श्रीरामपुर-इलाकी भोरबंध- सिमलघाब पथ निर्माण कार्य योजनाओं सहित कई विभिन्न योजनाओं के कार्य प्रगति में तेजी एवं योजनाओं को ससमय पूर्ण करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिया.