पलामू
पुलिस के बढ़ते दबाव के बीच पलामू में नक्सली अब किसी भी घटना को अंजाम देने से पहले पूरी प्लानिंग कर रहे हैं. इसके लिए घटना से पहले मौके की वीडियोग्राफी कराई जा रही है। उस वीडियो फुटेज को दिखाकर प्रमुख नक्सली अपने साथियों को प्लान समझा रहे हैं, ताकि कोई गलती न हो सके. पलामू पुलिस ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन के तीन नक्सलियों को गिरफ्तार किया है.
उनसे सख्ती से पूछताछ के दौरान ही वीडियो बनाने की बात सामने आई। इसके अलावा भी कई बातें सामने आई हैं, जिसके आधार पर पुलिस कई जगहों पर सर्च ऑपरेशन चला रही है. उम्मीद है कि जल्द ही पुलिस को पलामू में नक्सलियों के खिलाफ और सफलता मिलेगी.
कैसे सामने आया वीडियो फुटेज बनाने का मामला
पलामू पुलिस ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीएसपीसी के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इसमें शातिर वीरेंद्र और वुटन और एक अन्य नक्सली शामिल है. गिरफ्तारी के बाद उनसे पूछताछ में कई नक्सली घटनाओं का खुलासा हुआ है. उनके पास से नक्सली पर्चे भी बरामद किये गये हैं.
नक्सलियों ने कहा है कि कुछ दिन पहले पलामू के विश्रामपुर थाना क्षेत्र में पुल निर्माण में लगी कंस्ट्रक्शन कंपनी की साइट पर आग लगा दी गई थी, टीएसपीसी के नाम पर पर्चा छोड़ा गया था. उस घटना से पहले अपने साथियों की मदद से पूरे इलाके का वीडियो बनाया था. उसी के आधार पर एंट्री, एक्शन और एग्जिट की प्लानिंग की गई, तभी घटना को अंजाम दिया गया.
वीरेंद्र फोन कर जनप्रतिनिधियों को धमकाता था
पूछताछ के दौरान शातिर नक्सली वीरेंद्र ने पुलिस को बताया कि वह लेवी के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को फोन कर धमकी देता था. उसके निशाने पर इलाके में काम करने वाले ठेकेदार भी रहते थे. वीरेंद्र सादे कपड़ों में अपने साथियों के जरिए टारगेट पर आने वाले लोगों के फोन नंबर हासिल कर लेता था। ऐसा नहीं था कि लोगों को डरा-धमका कर सिर्फ नकद पैसे ही लिये जाते थे, इन लोगों को कपड़े, दवा, राशन आदि जरूरी सामान की व्यवस्था करने को कहा जाता था.
वीरेंद्र और बुटन का दस्ता कई इलाकों में सक्रिय था
प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीएसपीसी वीरेंद्र और बुटान पलामू के कई इलाकों में सक्रिय था. उन्होंने अपने संगठन के लिए मुख्य रूप से विश्रामपुर, नवा बाजार, पाटन, छतरपुर, रेहला, नवा जयपुर इलाके में काम किया. इनका मुख्य काम जन प्रतिनिधियों एवं ठेकेदारों को डरा-धमका कर धन उगाही करना था। उनके निशाने पर कुछ कारोबारी भी थे.
पुलिस के दबाव के कारण अब पहले जैसी ताकत नहीं रही
सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार नक्सलियों ने यह भी कहा है कि पुलिस के बढ़ते दबाव और लगातार कार्रवाई के कारण संगठन अब पहले जितना मजबूत नहीं रह गया है. इसे अंजाम देने के लिए कई घटनाओं को तेजी से अंजाम देने की प्लानिंग की जा रही थी. इसी क्रम में विश्रामपुर में आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया. नक्सलियों ने पुलिस के सामने कई भविष्य की योजनाओं का भी जिक्र किया है. जिसके आधार पर पुलिस आगे की रणनीति बना रही है.
वीरेंद्र और बुटन की गिरफ्तारी टीएसपीसी के लिए है बड़ा झटका
उसके सक्रिय और शातिर साथी वीरेंद्र की गिरफ्तारी टीएसपीसी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. उसके साथ पकड़ा गया बटन इन दिनों संगठन में दबदबा रखता था. एक साथ तीन नक्सलियों की गिरफ्तारी से टीएसपीसी को बड़ा झटका लगा है. पुलिस के मुताबिक टीएसपीसी को घेरने का यही सही वक्त है. वैसे भी अब संगठन में हथियारों और सदस्यों की कमी हो गयी है.