पटना
शुक्रवार को पटना में गैर बीजेपी दलों की बड़ी बैठक हुई. इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए 15 विपक्षी दलों के शीर्ष नेता पटना स्थित सीएम आवास पहुंचे थे. सभी नेताओं ने एक सुर में एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ लड़ने का ऐलान किया. यह बैठक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर आयोजित की गई थी. इस बैठक के बाद सीएम नीतीश कुमार ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी दल किस तरह तैयारी करेंगे.
पटना में विपक्षी दलों की बैठक
शुक्रवार को पटना के एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर बैठक हुई. गुरुवार से ही विपक्षी दलों के नेता पटना पहुंचने लगे. शुक्रवार को सीएम आवास के गुडबात में करीब साढ़े तीन घंटे तक बैठक चली. जिसमें 15 पार्टियों के शीर्ष नेता और पार्टी अध्यक्ष शामिल हुए. इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने और केंद्र की सत्ता से दूर रखने को लेकर सभी ने अपनी राय रखी. बैठक के बाद सीएम नीतीश कुमार समेत अन्य नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक और आगे की रणनीति को लेकर अपने विचार रखे.
सभी दलों की क्या थी राय? नीतीश कुमार ने बताया..
सीएम नीतीश कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सभी पार्टियों ने यह राय बना ली है कि जो पार्टी अभी सत्ता में है, वह देश हित में काम नहीं कर रही है. पूरा इतिहास बदलने को तैयार है. आजादी की लड़ाई को भुलाने की कोशिश की जा रही है. सभी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि यदि कोई चुनौती आएगी तो मिलकर उसका मुकाबला करेंगे। कुछ दिनों बाद एक और बैठक होगी जिसमें आगे की योजनाओं पर सहमति बनेगी.
वोटों का बंटवारा रोकने की जरूरत क्यों है?
बता दें कि नीतीश कुमार और लालू यादव समेत कई अन्य नेता मान चुके हैं कि वोटों के बिखरने से बीजेपी को फायदा होता है. एक लोकसभा सीट पर बीजेपी के खिलाफ कई विपक्षी दलों के उम्मीदवार उतारे जाते हैं, जिसका फायदा बीजेपी को मिलता है. वोटों के इस बिखराव को रोकने के लिए नीतीश कुमार विपक्षी दलों के नेताओं के साथ पूरी तैयारी में लगे हुए हैं. राजद सुप्रीमो लालू यादव ने भी अपने संबोधन में इन वोटों का जिक्र किया.
लालू यादव समेत अन्य नेताओं की राय
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि हमें एकजुट होकर लड़ना होगा. वोट हमारा है और इसके बंटवारे से बीजेपी चुनाव जीत रही है. कांग्रेस ने एकजुट होकर लड़ने और बीजेपी को सत्ता से बाहर करने की भी बात कही. शरद पवार, ममता बनर्जी समेत ज्यादातर नेता ये बात खुलेआम कह चुके हैं.
जानिए क्या है वोटों का समीकरण
बता दें कि इस बैठक में जो 15 पार्टियां जुटीं, उनकी सरकारें 11 राज्यों में हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में इन पार्टियों के 142 सांसद जीते थे. यानी करीब 26 फीसदी लोकसभा सदस्य इन्हीं पार्टियों से हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में अकेले कांग्रेस को करीब 12 करोड़ वोट मिले थे. अगर सभी पार्टियों के वोट एकजुट हो जाएं तो मजबूत स्थिति बनती है. बीजेपी ने करीब 23 करोड़ वोट हासिल कर 303 सीटें जीती थीं.