झारखंड
21 मई को दिल्ली से गिरफ्तार पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप ने पूछताछ के दौरान विस्फोटक और संगठन के लिए छिपाकर रखे गए हथियारों समेत अन्य चीजों का खुलासा किया है. रविवार को एनआईए ने दिनेश गोप को लेकर खूंटी, गुमला और सिमडेगा में छापेमारी की थी. दिनेश गोप की निशानदेही पर एनआईए ने खूंटी के अदकी से 1000 गोलियां बरामद की थीं।
उधर, खूंटी के रानिया थाना क्षेत्र के एक ठिकाने से सोमवार को एक बोरे में भरकर 600 राउंड एके-47 और इंसास रायफल और विस्फोटक बरामद किया गया. बरामद गोलियों और विस्फोटकों को रात साढ़े आठ बजे एक पिकअप वैन में लादकर रनिया थाने ले जाया गया. कामडारा के सरिता गांव में छापेमारी के दौरान 20-25 गोलियां मिलने का मामला सामने आया है. इसके बाद टीम सिमडेगा के महाबुआंग थाने पहुंची।
वहां ओल्हान, बुड़ारगी व बिरनीबेड़ा में छापामारी की. सिमडेगा में छापामारी के बाद दिनेश गोप को लेकर एनआइए की टीम रांची लौट गयी. उसे मंगलवार को एनआइए कोर्ट में पेश किया जायेगा.
पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप महाबुआंग थाना क्षेत्र में बोलते थे। महाबुआंग थाना क्षेत्र पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का गढ़ था। दिनेश गोप ने महाबुआंग थाना क्षेत्र के घने जंगलों में हथियार बनाने का कारखाना तक लगा लिया था, जिसे सीआरपीएफ और जिला पुलिस बल के जवानों ने काफी मशक्कत के बाद ध्वस्त कर दिया और हथियार बनाने का सामान जब्त कर लिया. महाबुआंग से सटे अन्य थाना क्षेत्रों में दिनेश गोप के आतंक के कारण ग्रामीण शाम के समय अपने घरों में छिप जाते थे, जबकि व्यापारी वर्ग शाम होने से पहले ही क्षेत्र छोड़कर शहर लौट जाते थे.