Jharkhand: विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2023! बच्चों को बचाएं, बेटों से 2.9 फीसदी ज्यादा बेटियां तंबाकू का सेवन कर रही हैं


World No Tobacco Day

ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (जीवाईटीएस-4) 2019 के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि झारखंड में लड़कों (छात्रों) की तुलना में अधिक लड़कियां (छात्र) तंबाकू का सेवन कर रही हैं। राज्य में 7.5 प्रतिशत छात्र वर्तमान में धुआं रहित तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहे हैं। इनमें 6 फीसदी लड़के और 8.9 फीसदी लड़कियां शामिल हैं। ऐसे में मासूम बच्चों को तंबाकू व इससे बने उत्पादों के सेवन से बचाएं। वर्ल्ड नो टोबैको डे यानी वर्ल्ड नो टोबैको डे 2023 पर पढ़िए ये खास रिपोर्ट।

लड़कों से ज्यादा तंबाकू का सेवन कर रही हैं लड़कियां 

ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (जीवाईटीएस-4) 2019 के अनुसार, झारखंड में 7.5 प्रतिशत छात्र वर्तमान में धुआं रहित तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहे हैं। इनमें 6 फीसदी लड़के और 8.9 फीसदी लड़कियां शामिल हैं। 5.1 फीसदी छात्र तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहे हैं। इनमें 7 फीसदी लड़के और 3.3 फीसदी लड़कियां शामिल हैं। 1.1 प्रतिशत छात्र सिगरेट पी रहे हैं। इनमें 1.3 फीसदी लड़के और 0.8 फीसदी लड़कियां शामिल हैं।

तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या में 38.9 फीसदी की आई है कमी

ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (जीएटीएस 2016-2017) के अनुसार, झारखंड में 26.6 प्रतिशत वयस्क खैनी के साथ तंबाकू, 8.3 प्रतिशत गुटखा, 6.5 प्रतिशत सिगरेट, 5.2 प्रतिशत बीड़ी और 4.9 प्रतिशत पान का सेवन करते हैं। झारखंड में 2009-10 में 50.1 फीसदी लोग तंबाकू का सेवन करते थे, जबकि 2016-17 के आंकड़ों के मुताबिक इनकी संख्या घटकर 38.9 फीसदी रह गई है. इसी तरह 2009-10 के आंकड़ों के मुताबिक 9.6 फीसदी लोग धूम्रपान करते थे. 2016-17 के अनुसार इनकी संख्या बढ़कर 11.1 प्रतिशत हो गई है। वर्तमान में 20.3 प्रतिशत पुरुष और 16 प्रतिशत महिलाएं धूम्रपान कर रही हैं।

तम्बाकू मुक्त युवा अभियान चलाने के निर्देश 

विश्व तंबाकू निषेध दिवस हर साल 31 मई को मनाया जाता है। अधिक से अधिक लोगों को इसके नुकसान से अवगत कराने का प्रयास किया जाता है, ताकि लोग स्वस्थ जीवन जी सकें। इस बार वर्ल्ड नो टोबैको डे 2023 की थीम है- हमें खाना चाहिए, तंबाकू नहीं। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को तंबाकू मुक्त युवा अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। 60 दिन का विशेष अभियान शुरू करने को कहा गया है। इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जागरूक करना है।

देश में हर साल 13.5 लाख लोगों की होती है मौत

देश में 28.60 फीसदी लोग तंबाकू का सेवन करते हैं, जबकि झारखंड में 38.9 फीसदी लोग तंबाकू का सेवन कर रहे हैं. तंबाकू और इसके उत्पादों के इस्तेमाल की भयावहता का अंदाजा इस आंकड़े से लगाया जा सकता है कि देश में हर साल 13.5 लाख लोग तंबाकू से जुड़ी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

40 फीसदी टीबी के मरीज करते हैं तंबाकू का सेवन 

जानकारों का कहना है कि तंबाकू का सेवन काफी घातक है। टीबी रोग और तंबाकू के बीच एक अन्योन्याश्रित संबंध है। आंकड़ों के मुताबिक करीब 40 फीसदी टीबी के मरीज तंबाकू का सेवन करते हैं। ऐसे में बिना तंबाकू मुक्त राज्य बनाए झारखंड को टीबी मुक्त राज्य नहीं बनाया जा सकता है।

यह बहुत महत्वपूर्ण है 

स्कूल-कोचिंग जैसे शिक्षण संस्थानों के 100 मीटर के दायरे को तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाए। बच्चे तंबाकू कंपनियों के सॉफ्ट टारगेट होते हैं। ऐसे में उन्हें जागरूक करना जरूरी है। समय रहते तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक कर लक्ष्य को काफी हद तक हासिल किया जा सकता है। जमीनी हकीकत यह है कि तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध के बावजूद इसकी धड़ल्ले से बिक्री जारी है। चुनौती बच्चों को तंबाकू से बचाने की है। इसलिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को तंबाकू मुक्त युवा अभियान चलाने का निर्देश दिया है.

मासूम बच्चों को तंबाकू से बचाने की जरूरत है : दीपक मिश्रा

मासूम बच्चों को तंबाकू से बचाने की जरूरत है सीड्स के कार्यकारी निदेशक दीपक मिश्रा ने मीडिया को बताया कि ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (जीएटीएस 2017) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले आठ सालों में झारखंड में तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या 50.1 फीसदी से घटकर 38.9 फीसदी रह गई है. मासूम बच्चों को तंबाकू से बचाने की जरूरत है क्योंकि वे लंबे समय तक उपभोक्ता हैं और इसलिए वे तंबाकू कंपनियों के निशाने पर हैं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को 60 दिन का तंबाकू मुक्त युवा अभियान चलाने का निर्देश दिया है, ताकि युवाओं को जागरूक किया जा सके।