गोपालगंज, बिहार
रिपोर्ट : सत्य प्रकाश
गोपालगंज जिले के हमींदपुर पंचायत की हमींदपुर गांव की दलित बस्ती जहां कभी महिलाएं बगीचों और जंगलों से लकड़ियां चुन चुन कर लाती थीं और मिट्टी के चुल्हे पर लकड़ी जला कर महिलाएं खाना पकाती थीं। वहीं मिट्टी के चुल्हे और लकड़ी के जलावन की किल्लत के कारण कभी किसी के घर मे समय से खाना नही पकता था. आज यह सभी खत्म हो चुका है। आज उनकी परेशानियां दूर हो चुकी हैं।
रसोई गैस का कनेक्शन इन परिवारों के लिए एक सपना था। परन्तु आज भारत सरकार की उज्जवला योजना ने सबके सपने को पंख लगा दिए हैं। उज्जवल्ला योजना के कारण उन गरीबो के घरों मे भी मुफ्त गैस कनेक्शन मिल गया है, जिन घरों की महिलाएं और पुरुष भोजन पकाने के लिए दिन दिन भर जंगल की लकड़ियों को चुनते थे। चूल्हा फूंक फूंक कर उनकी आंखें लाल हो जाते थे। खाना बनाने के बाद बर्तन काले हो जाते थे। धुएं से घर मकान बदरंग हो जाया करते थे।
गांव घर की महिलाओं को सर्वाधिक कष्ट बरसात के दिनों में होता था। सूखे जलावन की जगह भींगे जलावन उनके लिए मुसीबत बन जाता था और घर परिवार के लोग खाना खाने से वंचित रह जाते थे। किंतु आज उज्जवला योजना के कारण गांव की महिलाएं काफी खुश हैं कि उन्हें मुफ्त का गैस कनेक्शन मिल गया है। इस संदर्भ में गृहिणी उषा देवी बताती हैं कि गैस थोड़ा महंगा जरुर हो गया है। लेकिन समय से खाना बन जाना और परिवारजनों का खा लेना उज्जवला योजना की उपलब्धि है।