बेंगाबाद, गिरिडीह
हैदराबाद और पश्चिम बंगाल की तर्ज पर बेंगाबाद के लोधरातरी गांव में पहली बार गर्म धान की खेती की जा रही है. धान की खेती में ग्राम संगठन की महिला सुगनी देवी की मेहनत रंग लाई और एक एकड़ से अधिक जमीन पर धान की फसल से खेत गुलजार है. जेएसएलपीएस के क्लस्टर समन्वयक महेंद्र त्रिवेदी ने यह जानकारी दी है।
बता दें, गर्मी के मौसम में लोगों के सामने पानी का संकट खड़ा हो जाता है। दूसरी ओर महिला किसान ने खेत में धान की फसल की सिंचाई कर हरित क्रांति ला दी है। गरमा धान की बंपर पैदावार से वह काफी खुश नजर आ रही हैं। धान की फसल अब पकने की कगार पर पहुंच गई है। बेंगाबाद जेएसएलपीएस ने पहली बार गरमा धान की खेती का प्रयोग किया है। अगले वर्ष बड़े पैमाने पर गरमा धान की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है। ग्राम संगठन की कई महिलाएं खेती के काम में लगेंगी। लोग इस बार गरमा धान की बेहतर उपज देखकर काफी खुश हैं।
इलाके में पहली बार हुई गरमा धान की खेती
हैदराबाद और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा गरमा धान की खेती होती है। झारखंड राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में धान की कटाई के बाद खेत बंजर रहते हैं। वर्षा पर निर्भर यहां के किसान वर्षा ऋतु में केवल एक बार धान की खेती करते हैं। कृषि कार्य को बढ़ावा देने और बदलने के लिए जेएएलपीएस ने बेंगाबाद के लोधरातरी गांव से गरमा धान की खेती शुरू की है। ताकि महिलाओं को रोजगार के साधनों से बेहतर मुनाफा मिल सके।
जेएसएलपीएस इस दिशा में लगातार काम कर रहा है। लोधरा में लहलहा रही धान की फसल अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है। इधर महिला किसान ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से खेत को तार की जाली से घेरा गया था और पसली को सुरक्षित रखा गया था. जिससे धान की फसल को पशुओं के चरने से बचाया जा सके। वह नदी व अन्य जल स्रोतों के सहारे डीजल पंप से सिंचाई कर धान की फसल तैयार करने में सफल रही है।