Giridih: मनरेगा योजना में हुई गड़बड़ी को तिसरी बीडीओ ने लिया संज्ञान, जांच कमिटी का किया गया गठन, की जायेगी कार्यवाही



गिरिडीह

गिरिडीह जिले के तिसरी प्रखंड अंतर्गत बेलवाना पंचायत में मनरेगा योजना में मिली गड़बड़ी को लेकर बीडीओ ने संज्ञान लिया है। इसे लेकर बीडीओ ने कहा कि मामले की उन्हे जानकारी मिली है। मामले को लेकर जांच किया जा रहा है। इसके लिए बीपीओ के नेतृत्व में टीम गठित की गई है जिसमें एई व दूसरे पंचायत के जेई को शामिल किया गया है। जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी मिलने के पश्चात संबंधित लोगों पर कार्यवाही की जाएगी।

क्या है मामला

बता दें बेलवाना पंचायत के अंजनवा गांव में संचालित मनरेगा योजना ग्राम अंजानवा में मेन रोड से मुंशी बासके के घर होते हुए बिरेंद्र साव के घर तक मिट्टी मोरम पथ निर्माण जिसका योजना कोड 3419010002/RC/7080901089128 में अनियमितता बरतने, योजना को मजदूरों से ना करवाकर जेसीबी मशीन प्रयोग करने, फर्जी मजदूरों से पैसों की निकासी करने आदि की जानकारी प्राप्त हुई है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त योजना 4 लाख 43 हजार रुपए का था, जिसमे कुल 2 लाख 64 हजार 489 रुपयों का भुगतान किया गया। इस दौरान 7 मस्टर रोल में 1लाख 80हजार 864 रुपए लेबर एवं 83 हजार 625 रुपए मेटेरियल का निकासी किया गया है। जबकि उक्त योजना में ना के बराबर कार्य कराकर खानापूर्ति की गई है।

फर्जी मजदूरों से की गई राशि की निकासी

क्षेत्र में हो रही चर्चाओं के अनुसार मस्टर रोल में दर्ज एक भी मजदूर द्वारा कोई भी निर्माण कार्य नही किया गया है। वहीं इनमे से कुछ मजदूर कार्य दिवस के दिन पंचायत में भी नही थे। इन सभी मजदूरों का डिमांड कर खाते में भुगतान किया गया। जिसके एवज में खाताधारकों को 10 से 15% की राशि खाता से निकाल कर उन्हे देने के लिए दिया गया है। अगर कुल मिलाकर कहें तो उक्त योजना में ना सिर्फ कार्य में गड़बड़ी व मापदंडों को ताक पर रख कर किया है बल्कि इसमें फर्जी मजदूरों से निकासी भी की गई है।

जिम्मेवार कौन

क्षेत्र में हो रहे चर्चाओं के मुताबिक योजना में काफी सारी गड़बड़ियां है और अगर योजना की निष्पक्ष जांच की जाए तो सारी गड़बड़ियां उजागर हो जाएंगी। वहीं जानकारों के मुताबिक इन गड़बड़ियों के लिए मेठ से लेकर संबंधित कर्मी तक जिम्मेवार है। मनरेगा नियमों के अनुसार जेई व एई को हरेक योजनाओं को स्थल में जांच कर एमबी बुक करना है। एक योजना को पूर्ण करने के दौरान 3 बार एमबी और जियो टैग किया जाता है तब जाकर योजना पूर्ण होता है। अगर इतनी बड़ी गड़बड़ी होती है तो इसके लिए जेई व एई भी जिम्मेवार है। इतना ही नहीं उक्त योजना का आदेश फलक व मस्टर रोल में हस्ताक्षर करने वाले कर्मी भी जिम्मेवार है। बिना हस्ताक्षर के कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा पैसों को खाते में स्थांतरण नही किया जा सकता है।