Birni: सुहागिन महिलाओं ने रखा पति की लम्बी उम्र के लिए वट सावित्री व्रत



बिरनी, गिरिडीह

बिरनी प्रखंड के विभिन्न गांवों में महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र की कामना हेतु सुहागिनों ने 16 श्रृंगार कर अपने गांव स्तिथ बरगद के पेड़ के चारों और फेरे लगाकर अपने पति की दीर्घायु आयु की कामना की है। प्यार समर्पण और श्रद्धा के प्रतीक यह एक सच्ची प्रेम कहानी को दर्शाता हैं। 

इसे लेकर शुक्रवार को बिरनी के बिभिन्न गांव टाटो, खरटी बरमसिया, झांझ, डबरी ,बम्बारी, बारोटोला, डब्बरसैनी जुरपा, पलोंजीया, भरकट्टा, मंडरखा, बराय आदि गांवों में वट सावित्री व्रत की गई ऐसी मान्यता हैं कि इसी दिन मां सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज के फंदे से प्राणों की रक्षा की थी।

मान्यता के अनुसार इसे जेष्ठ माह के अमावस्या के दिन ही सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण बचाए थे तभी से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए हर वर्ष जेष्ठ अमावस्या के दिन यह वट सावित्री पूजा रखती हैं. इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। उसकी परिक्रमा करती हैं और वृक्ष के चारों ओर मंगल धागा यानी कि कलावा बांधती हैं.

वट सावित्री पूजा स्त्रियों का महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे करने से हमेशा अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीष प्राप्त होता है। बताया जाता है कि जब सावित्री पति के प्राण को यमराज के फंदे से छुड़ाने के लिए यमराज के पीछे जा रही थी उस समय वट वृक्ष ने सत्यवान के शव की देख-रेख की थी। पति के प्राण लेकर वापस लौटने पर सावित्री ने वट वृक्ष का आभार व्यक्त करने के लिए उसकी परिक्रमा की। इसलिए वट सावित्री व्रत में वृक्ष की परिक्रमा का भी नियम है।