गोपालगंज, बिहार
रिपोर्ट : सत्यप्रकाश
गोपालगंज जिले के कुचायकोट में गुरुवार की सुबह नयाटोला पीताम्बर पीठ बगलामुखी धाम में हाथी घोड़े और गाजे-बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गई तथा नौ दिवसीय दक्षिणाभिमुख पंचमुखी हनुमान प्राण प्रतिष्ठा सह रुद्र महायज्ञ का शुभारंभ किया गया। कलश यात्रा में सात हजार पांच सौ से अधिक कन्याओं ने माथे पर कलश लेकर यात्रा पूरी की। वहीं इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
बता दें सुबह 7:00 बजे से ही महायज्ञ स्थल पर श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था। बड़ी संख्या में पहुंची महिलाएं कलश यात्रा लेने के लिए उत्सुक दिखी। महायज्ञ समिति द्वारा बड़ी संख्या में कलश की व्यवस्था की गई थी। सुबह करीब 9:00 बजे सात हजार पांच सौ से अधिक कन्याओं के बीच कलश वितरित करने के बाद विद्वान पंडितों के वैदिक मंत्रोचार के बीच विधि विधान से कलश यात्रा रवाना की गई।
इस दौरान जय श्री राम और जय बजरंग बली के उदघोष के साथ कलश यात्रा में शामिल श्रद्धालु पूरे वातावरण को गुंजायमान कर रहे थे। गर्मी को देखते हुए जगह-जगह स्वयंसेवकों द्वारा कलश यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के लिए पेयजल और शरबत आदि की व्यवस्था की गई थी। महायज्ञ स्थल से निकली कलश यात्रा नया टोला, कुचायकोट से होते हुए भठंवा गांव स्थित सरोवर के किनारे पहुंची जहां ग्यारह विद्वान पंडितों की देखरेख में कलश में जल भरने का कार्य पूर्ण किया गया। पुनः यहां से कलश यात्रा भठंवा गांव होते हुए महायज्ञ स्थल पर पहुंचकर समाप्त हुई।
महायज्ञ के आयोजक महर्षि शिवानन्द परमहंस ने बताया कि 27 अप्रैल से 5 मई तक चलने वाले नौ दिवसीय दक्षिणाभिमुख पंचमुखी हनुमान प्रतिष्ठा रुद्र महायज्ञ में कथा वाचक के रूप में डॉ राजेन्द्र पचौरी जी महाराज,तथा प्रख्यात कथा वाचक अयोध्या रामघाट संचालक स्वामी श्री विष्णु प्रभाकर जी महाराज, श्री भरत बाबा जी महाराज तथा व्यास जी पाठक को आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा बक्सर से कथा वाचिका श्रीमती कविता दीदी को भी महायज्ञ के दौरान प्रवचन के लिए आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने बताया कि यज्ञ आचार्य डॉक्टर श्री शैलेश मणि त्रिपाठी के नेतृत्व में इस महायज्ञ के पूजन पाठ का कार्य संपादित होगा। महायज्ञ में प्रतिदिन रामलीला का भी आयोजन किया जाएगा जिसका दर्शक आनंद उठा सकेंगे ।महायज्ञ के दौरान प्रत्येक दिन मंदिर समिति के तरफ से भंडारे की व्यवस्था होगी ।यहां श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे। यह यज्ञ 5 मई को पूर्णाहुति के साथ संपन्न होगी।