गोपालगंज, बिहार
रिपोर्ट : सत्य प्रकाश
गोपालगंज जिले के सिधवलिया प्रखंड के बूचिया गांव की रीता देवी आज किसी परिचय की मोंहताज नही. रीता देवी मछली पालन की हुनरमंद मानी जाती हैं. उनके दरवाजे पर अक्सर मल्लाह देखे जाते हैं जो मछली खरीदने के लिए आते हैं. रीता देवी सशक्त महिला की प्रतिमूर्ति हैं. आर्थिक तंगी की शिकार रही रीता ने अपना आभूषण गिरवी रख कर तीन कठ्ठा के मे दो कमरों का घर और अंदर ही अंदर मछलीपालन के लिए एक छोटा तालाब बनवाया है.
घर मे रीता देवी और उनकी एक बेटी रहती है. बेटी बीएससी पार्ट वन की छात्रा है. पति प्रदेश मे साधारण नौकरी करते हैं पर रीता देवी ने असाधारण संकल्प ठान रखा है. घर के आंगन मे रीता देवी ने जो तालाब बनाए हैं, वह महज एक कठ्ठा मे है. महिला रीता देवी इस तालाब मे मांगुर प्रजाति की मछली पालती है और प्रत्येक चार महीने पर उसे अच्छी कीमत लेकर बेचती हैं.
एक साल मे तीन बार इस तालाब मे मछलियां तैयार होती हैं और इसे बेंचकर रीता देवी आज प्रति वर्ष लाखों रूपये कमा रही हैं और अपनी बेटी को अच्छी तालीम दे रही हैं. आज वह अपने पति की मोंहताज नही. अकेले अपने बलबूते मछली पालन कर एक सशक्त महिला और महिला सशक्तिकरण की एक अद्भुत मिशाल है. रीता देवी अन्य महिलाओं से एक अलग महिला हैं. वे समय के सदुपयोग को भलिभांति जानती हैं. मतस्य पालन के अतिरिक्त बचा शेष समय उनका बेकार नही जाता.वे बेकार बैठना नहीं जानती.
वह पेटीकोट, ब्लाउज, सूट की सिलाई भी बखूबी कर लेती हैं और अतिरिक्त आमद कर लेती हैं. रीता देवी ने मछलीपालन के लिए तमाम उपकरणों को घर मे लगा रखा है.तालाब मे पानी कम हुआ तो नलकूप और मोटर भी घर मे ही लगा रखा है. रीता देवी के मछली पालन से और कई मल्लाहों की रोजी रोटी चलती है. दिल मे हौसला और जज्बा हो तो समाज के ताने बाने आड़े नही आते. महिला होकर रीता देवी ने जो आज कर दिखाया है, वह न सिर्फ महिलाओं के लिए वल्कि पुरूष वर्ग के लिए भी अनुकरणीय है.