Gopalganj: लावारिस शवों को मिल रहा है कोचिंग शिक्षक का सहारा, अंतिम मंजिल तक पहुंचाने में शवों की मदद कर रहे हैं नवीन


गोपालगंज, बिहार
रिपोर्ट : सत्य प्रकाश 


गोपालगंज जिले के नगर थाना क्षेत्र के मानिक पुर गांव के युवक नवीन श्रीवास्तव मे कमाल का जज्वा है. जिस काम से लोग कतराते हैं, नवीन उसी काम के लिए अपने आपको न्योछावर कर दिए हैं. गोपालगंज जिले मे शिक्षादान के साथ ही साथ लवारिश शवों का दाह संस्कार उनकी दिनचर्या बन गयी है. 

नवीन के बड़े भाई राजीव श्रीवास्तव उतरप्रदेश के गोरखपुर मे इंजीनियर हैं और विजयरंजन बीमा क्षेत्र मे काम करते हैं. पूरा परिवार खुशहाल है पर नवीन आज मुर्दों के साथी बने हैं. जैसे ही लावारिश शव पोस्टमार्टम के लिए गोपालगंज पहुचंता है, तुरंत इसकी खबर नवीन श्रीवास्तव को मिलती है. यह सूचना अस्पताल और पुलिस प्रशासन द्वारा दी जाती है. नवीन वहां पहुचकर लावारिश शव लेकर अपने गांव मानिकपुर चले जाते हैं. वहा अपने खर्चे से चार क्विंटल लकड़ी खरीद शव जलाते हैं और प्रणाम कर वापस आते हैं.

शव के दाहसंस्कार का खर्च उनके शताक्षी सेवा संस्थान के छात्रो से मिल जाता है. यही नही शताक्षी कोचिंग संस्थान के छात्र भी सह्रदय बनकर अपने अपने घरों से पुराने बेकार कपड़े संस्थान को दान करते हैं. वही पुराने कपड़े धुलवाकर नवीन निसहाय गरीबो, बाढ पीड़ितो के बीच बाटते फिरते हैं. गजब का जुनून सवार है उनपर. आज अपनो से लोग नफरत करते हैं और नवीन मरे लावारिश शवो से इतना लगाव रखते हैं. यह तो एक मिशाल है. नवीन बीपीएससी का कोचिंग चलाते हैं. निश्चित रूप से नवीन एक अद्वीतिय व्यक्तित्व है.