गोपालगंज, बिहार
रिपोर्ट : सत्य प्रकाश
गोपालगंज जिले के सिधवलिया प्रखंड के शेर गांव के एक अठाईस वर्षीय युवक ने औषधीय पौधे की खेती कर अन्य किसानो के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनकर एक मिशाल कायम किया है. शेर गांव के चौबीस वर्षीय अनुज आदर्श अपने माता पिता के एकलौते संतान हैं. पिता आलोक राय ने खेती कर अपने बेटे अनुज आदर्श को अच्छी तालीम दिलायी.अनुज आदर्श बीएससी की शिक्षा ग्रहण करने के बाद फैशन डिजाइनींग आईएमएस नोयडा से वर्ष 2015 मे कोर्स पूरा किए. उनके मन में नौकरी की ललक कभी नही जगी.
पिता की जिम्मेदारी वे संभालने के लिए काफी उत्सुक रहे और यही कारण रहा कि नौकरी की नाव पर सवार नही हुए और अपनी मिहनत और पसीने से दस एकड़ में मेथापिपरमेंट नामक औषधीय पौधे पौधे की खेती कर कृषि के क्षेत्र मे एक नयी क्रांति का संचार कर दिया. अनुज आदर्श बताते हैं कि मेंथापिपरमेंट के पौधे महज एक सौ बीस दिन मे तैयार होकर कट जाते हैं. पहली कटाई के बाद दूसरी कटाई चालीस दिन बाद होती है. यह फसल एक बार लगायी जाती है और दो बार काटी जाती है.
मेंथा पिपरमेंट के पौधे की पेराई कर इससे सुगन्धित तेल प्राप्त किया जाता है जो बाजार मे एक हजार पांच सौ रूपये लीटर बिकता है. इस प्रकार चार महीने मे एक एकड़ मे लाखो की कमाई होती है. बेकार और नीचली सतह की भूमि मे उगाकर इससे दोहरा लाभ प्राप्त किया जा सकता है. अनुज आदर्श बताते हैं कि इसके लिए बाजार तलाशने की जरूरत नही होती,बाजार स्वत: आ जाता है. वे बताते है कि यह प्रेरणा देहात फाउंडेशन ,कंकड़बाग ,पटना से मिली और गोपालगंज जिले मे पहली बार मेथापिपरमेंट नामक पौधे की खेती की गयी है.
अनुज आदर्श से प्रेरणा लेकर अगल बगल के कई किसान भी शेर गांव मे मेंथापिपरमेंट की खेती किए हैं. इस औषधीय पौधे की खेती पर सरकार अनुदान भी दे रही है.