हजारीबाग
जिले में पिछले 14 मार्च को रामनवमी के पहले मंगलवारी जुलूस के दौरान हुए उपद्रव के मामले में जिला प्रशासन ने नौ के खिलाफ नामजद और 200 अज्ञात लोगों पर सदर थाना में एफआईआर दर्ज करवाई है. लोगों ने ये जुलूस सरकार के उस आदेश के खिलाफ निकाला था, जिसमें रामनवमी के अवसर पर रिकॉर्डेड संगीत बजाने और लाठी सहित पारंपरिक हथियार ले जाने पर रोक लगाई गई थी.
वहीं स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरकार जानबूझकर हिंदू त्योहारों में इस तरह की बाधा डालती है. रामनवमी महासमिति के पूर्व अध्यक्ष शशिभूषण केसरी पर भी पुलिस ने FIR दर्ज किया है. उन्होंने प्रशासन और सरकार पर रामनवमी को खत्म करने का आरोप लगाया. उन्होंने सवाल खड़ा किया है कि किसी भी जुलूस पर्व में धारा-144 लगाने का औचित्य क्या है?
जिला प्रशासन का कहना है कि प्रशासनिक आदेश का उल्लंघन करते हुए, आंदोलनकारियों ने जुलूस के दौरान रिकॉर्डेड संगीत बजाया और 30 मार्च से शुरू होकर एक अप्रैल को समाप्त होने वाले रामनवमी जुलूस के दौरान भी अशांति पैदा करने की धमकी दी है. एसपी मनोज रतन चोथे ने कहा, 'जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला किया है. त्योहार के दौरान किसी भी गड़बड़ी करने की अनुमति नहीं दी जा सकती.