मृत आदिवासी बेटी के परिजनों से बाबूलाल ने किया मुलाकात, हर संभव मदद का दिए आश्वाशन




तिसरी, गिरिडीह

तिसरी थाना क्षेत्र के जगरनत्था गांव निवासी मेरी सोरेन का शव झाझा स्टेशन के पटरी पर मिलने के बाद शनिवार की सुबह धनवार विधायक सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी में मृतका के परिजनों से मुलाकात की। साथ ही उन्हे ढांढस बंधाते हुए हर संभव मदद व सरकारी लाभ दिलाने का आश्वाशन भी दिए।

पत्रकारों से बात करते हुए श्री मरांडी ने कहा कि वर्तमान समय में ढिब्रा बंद हो जाने से व रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से लोग इधर उधर रोजगार के लिए भटक रहे हैं। और इस कारण जो दुर्घटना होती है वो बेहद दुःखद होती है। अगर इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर हो जाते है तो लोगों को बाहर नहीं भटकना पड़ेगा। उनके द्वारा क्षेत्र में रोजगार के लिए ढीबरा को चालू करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। अगर सरकार इस पर ध्यान दे तो फिर इस प्रकार की दुर्घटनाएं नही होंगी।

विगत हो कि तिसरी थाना क्षेत्र के जगरनाथा गांव के लेढ़वा टोला निवासी सुशील सोरेन की 16 वर्षीय बेटी मैरी सोरेन का बिहार के झाझा रेलवे स्टेशन की पटरी के समीप संदेहास्पद स्थिति में शव बरामद हुआ था। झाझा रेलवे पुलिस ने मृतका के पास से बरामद आधार कार्ड के जरिये तिसरी पुलिस से फोन पर संपर्क साधा और घटना की जानकारी दी थी। 

इसके साथ ही झाझा रेल पुलिस द्वारा मैरी की ट्रेन से गिरने से मौत होने की आशंका जाहिर की गई थी। जिसके पश्चात मृतका के पिता सुशील सोरेन गांव वालों के साथ झाझा रेलवे स्टेशन पहुंचे और उन्होंने मैरी के शव की पहचान की। फिर सरकारी प्रक्रिया पूरी कर परिजन मैरी के शव लेकर लेढ़वा गांव पहुंचे थे। जिसके बाद गुरुवार की शाम मैरी के शव को आदिवासी रीति रिवाज से अंतिम संस्कार कर दिया गया था।