Bihar: महिलाओं की हाथों के हुनर का कमाल, बिहार के गोपालगंज मे मचाया धमाल, दे रही मेहनती बनने का संदेश



         
गोपालगंज
रिपोर्ट : सत्य प्रकाश

गोपालगंज जिले के दिघवादुबौली बाजार मे खुले आसमान के नीचे पारंपरिक औजार टांगी, टांगा, खनती, फहसुल, दाब, हथौड़ा, छेनी की दूकान लग रही है. गोपालगंज शहर के अरार मोड़, कुचायकोट का कोन्हवा मोड़, हजियापुर मोड़, थावे दुर्गा मंदिर के समीप सहित अन्य चौक चौराहों पर खुले आसमान के नीचे ये दूकाने सुबह छः बजे से ही सज जाती हैं. यहां
पारंपरिक औजार बनाने के लिए महिलाएं, बच्चे और पुरूष पूरे जज्बे के साथ लगे रहते हैं. इन लोगों को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग जाती है और लोग इनके जज्बे को सलाम करते हैं.



बताया जा रहा है कि ये महिलाएं और पुरूष मध्यप्रदेश के हैं. ये लोग अपनी चलती फिरती दूकान लगाकर जरूरतमंद लोगो को पारंपरिक औजार बेच कर अपना जीविकोपार्जन करते हैं. इनका न कोई घर है और न कोई स्थायी ठिकाना. बस जहां मन चाहे रूके और पारंपरिक औजार बनाने व बेचने की दूकान वहीं लगा दिए.


महिला, पुरूष और बच्चों का यह छोटा कुनबा भारत के मध्यप्रदेश का रहने वाला है. महिलाओं की औजार बनाने के लिए लग रही हथौड़े की चोट दूसरी महिलाओं को मेहनती बनकर विकास करने का संदेश दे रही है. महिलाओं के हुनर और मेहनत से देश की अन्य महिलाओं को मेहनतकश बनकर कुछ करने की सीख मिलती है. महिलाओ, बच्चों और पुरूषो का यह छोटा कुनबा लोहे को लाल कर हथौड़े की चोट देकर औजार बना कर यह साबित कर दिया है कि जज्बा हो तो बिना मकान, किराये की दूकान लिए कोई भी खुले आसमान के नीचे जीविकोपार्जन का जरिया बनाया जा सकता है.