ठप पड़े माइका कारोबार को लेकर भाजपा ने दिया धरना, कार्यक्रम में गरजे भाजपाई


 
गिरिडीह

▪️कहा तीन वर्षों से हेमंत सरकार सिर्फ जनता को बना रही बेवकूफ

▪️माइका को वैद्य करने के बजाय सिर्फ जनता को बरगलाने का काम कर रही है हेमंत सरकार : बाबूलाल मंराडी

माइका को वैद्य कारोबार का दर्जा देकर मजदूरों और कारोबारियों को राहत देने की मांग को लेकर भाजपा ने मंगलवार को समाहरणालय परिसर में धरना दिया। न्यू समाहरणालय भवन के बाहर भाजपा के धरना प्रदर्शन में पूर्व सीएम बाबूलाल मंराडी, पूर्व सांसद रवीन्द्र राय, रवीन्द्र पांडेय, जमुआ विधायक केदार हाजरा, पूर्व विधायक निर्भय शाहाबादी, नागेन्द्र महतो, प्रर्देश उपाध्यक्ष प्रणव वर्मा, प्रर्देश कार्यसमिति सदस्य सुरेश साहू, चुन्नूकांत, सांसद प्रतिनिधी दिनेश यादव, पूर्व विधायक लक्ष्मण स्वर्णकार, नुनूलाल मरांडी, लक्ष्मण सिंह सहित कई नेता शामिल हुए। वहीं धरना में गांवा-तिसरी की कई महिला मजदूर माइका को टोकरी में भर-भर कर लेकर पहुंची हुई थी और समाहरणालय के बाहर अधिकारियों को माइका खरीदने की भी अपील की। लेकिन किसी अधिकारी ने जब माइका की खरीदारी नहीं की तो महिलाएं वहीं गेट पर माइका के ढेर गिरा दी।
धरना को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम श्री मंराडी ने कहा कि मोदी सरकार ने राज्यहित में मजदूरों की परेशानी को देखते हुए माइका को लघु खनिज के श्रेणी में डाला और माइका पर राजस्व लेना है या नहीं, इसका फेसला राज्य सरकार पर छोड़ दिया है। लेकिन पिछले तीन सालों से झूठे वादे और झूठा आश्वासन देकर सत्ता चला रहे हेंमत सरकार माइका को वैद्य करने के बजाय सिर्फ जनता को बरगलाने का काम कर रही है। कहा कि जब हेमंत सरकार के कार्यकाल में उनके राज्य के अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते, तो हालात समझा जा सकता है कि माइका को वैद्य करना इस सरकार के लिए कितना जटिल है। जबकि मोदी सरकार ने इसे वैद्य करने के लिए राज्य सरकार के अड़चनों को दूर कर दिया है और अब यह रुटीन वर्क में शामिल हो चुका है। खनिज सचिव और जेएसडीसी को बुलाकर सिर्फ फाईलों में साईन कराना है। कहा कि तीन सालों के भीतर हेमंत सरकार के अधिकारियां के घर से सोना और करोड़ो रुपए ऐसे ही नहीं निकल रहे है बल्कि सभी काले कारनामे में शामिल है।

इस दौरान उन्होंने गिरिडीह डीसी और वन विभाग समेत तमाम अधिकारियों को कड़ा अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अब भी वक्त है सुधर जाएं, नहीं तो अवैध बताकर जंगल से माइका को पकड़ने और योजनाओं का क्रियान्वयन में वन भूमि बताकर अड़चन डालने वाले अधिकारियों को अब जनता जंगल में ही बंधक बना लेगी और इसके लिए जनता नहीं, बल्कि हेमंत सरकार और उनके अधिकारी जिम्मेवार होगें। क्योंकि खुद हेमंत सरकार ने अपनी पत्नी समेत गोतिया के नाम पर करोड़ो रुपए का खदान का लीज ले रखा है। दिल्ली और मुंबई के ठेकेदारों को बुलाकर बालू की लूट करा रहे है और अब सरकारी योजनाओं को भी इन बाहरी ठेकेदारों से लूटवा कर पैसे कमा रहे है।
धरना को पूर्व सांसद रवीन्द्र राय ने संबोधित करते हुए कहा कि माइका कारोबार को बेहतर करने में हेमंत सरकार की भूमिका खत्म हो चुकी है। तीन सालों में नियमावली तक नहीं बनाया। अब तो लगता है कि हेमंत सरकार का राजनीतिक मौत होने वाली है। क्योंकि हेमंत बाबू को इसकी जानकारी नहीं है कि माइका को वैद्य कैसे किया जाएं, तो जिन्हें जानकारी हो, उनके साथ हेमंत बाबू बैठे। धरना को जमुआ विधायक केदार हाजरा ने संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने पूरे माइका कारोबार को ही डूबो दिया था और यही काम हेमंत सरकार कर रही है। जिसे हजारों मजदूरों का पेट भरता है उसे अवैध बता रही है यह सरकार।
पूर्व विधायक निर्भय शाहाबादी ने कहा कि माइका से केन्द्र और राज्य सरकार को करोड़ो का राजस्व मिलता है। राजस्व देने वाले इस महत्पूर्ण कारोबार को हेमंत सरकार सिर्फ इसलिए बंद रखी हुई है क्योंकि इस खनिज से उन्हें लूटने और पैसे कमाने का मौका नहीं मिल रहा। पूर्व विधायक ने मंच से हेमंत सरकार पर गरजते हुए कहा कि पहले माइका को खत्म किया और अब गिरिडीह के स्टील कारोबारियों में दहशत है कि उनका कारोबार पर कहीं हेमंत सरकार ग्रहण ना लगा दे। धरना को पूर्व विधायक नागेन्द्र महतो, प्रर्देश कार्यसमिति सुरेश साहु, चुन्नूकांत और सांसद प्रतिनिधी दिनेश यादव समेत कई वक्ताओं ने संबोधित किया। जबकि मंच संचालन पार्टी के अध्यक्ष महादेव दुबे कर रहे थे।