चास, बोकारो
बोकारो के चास में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद राज्य के कृषि एवं पशुपालन विभाग सतर्क हो गया है। विभाग ने इसे लेकर सभी जिलों को अलर्ट जारी करते हुए इससे बचाव को लेकर सभी आवश्यक कार्रवाई करने तथा पशु-पक्षियों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। प्रभारी पशुपालन निदेशक चंदन कुमार ने बताया कि सभी जिला पशु चिकित्सा पदाधिकारियों को पक्षियों में बर्ड फ्लू के लक्षण पाए जाने पर उन्हें क्वारंटाइन करने तथा जांच के लिए सैंपल भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
21 दिनों तक चूजों और मुर्गियों के वितरण पर रोक
मिली जानकारी के अनुसार, बोकारो के जिस क्षेत्र में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी, वहां सभी मुर्गियों को मार दिया गया है। वहीं आम लोग भी ऐसा ही कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया है कि इसका संक्रमण नहीं फैला है। हालांकि, सभी जिलों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। चंदन कुमार के अनुसार, 21 दिनों तक पशुधन वितरण योजना के तहत चूजों एवं मुर्गियों के वितरण पर भी रोक लगाई गई है।
इधर, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के निर्देश पर जांच के लिए टीम बोकारो पहुंची। यह टीम संक्रमण से बचाव को लेकर राज्य के पशुपालन पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश के साथ-साथ सुझाव भी देगी।
केंद्रीय टीम भी तैनात
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इंसानों में निगरानी के अवलोकन के लिए एक अलग केंद्रीय टीम भी तैनात की है। दोनों टीम इसके बढ़ते खतरे पर नजर रखेंगी और इसके रोकथाम पर काम करेंगी।
स्वास्थ्य विभाग भी हुआ सतर्क
इधर, वायरस इंसानों में न फैले, इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गया है। विभाग ने बोकारो सिविल सर्जन को मुर्गियों को नष्ट करने में लगे कर्मियों को आइसोलेट करने तथा निर्धारित प्रोटोकाल के तहत आवश्यकता पड़ने पर उसकी जांच के लिए सैंपल भेजने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि झारखंड में इससे पहले मुर्गियां में बर्ड फ्लू का मामला गोड्डा के महागामा में सामने आया था। इधर, स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के अनुसार, बर्ड फ्लू के इंसानों में संक्रमण की संभावना नहीं के बराबर होती है। इसके बाद भी सतर्कता जरूरी है ।