नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति के अपराधीकरण का मुद्दा उठाने वाली और हत्या, दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों में अदालत से आरोप तय होने पर चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग याचिका पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया कि वह राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ है और इस मामले में जवाब दाखिल करेगी। चुनाव आयोग ने भी जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था।
हर स्तर पर होनी चाहिए जवाबदेही
कोर्ट ने कहा कि यह महत्वपूर्ण मामला है। और याचिका का जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को अंतिम मौका देते हुए तीन सप्ताह का समय दे दिया। मामले में कोर्ट 10 अप्रैल को फिर सुनवाई करेगा। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बढ़ते भ्रष्टाचार पर चिंता जताई। कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि हर स्तर पर जवाबदेही होनी चाहिए।
राष्ट्रनिर्माण करने वाले शिक्षकों की जरूरत
जस्टिस बी. वी. नागरत्ना ने कहा हमें राष्ट्रनिर्माण करने वाले शिक्षकों की जरूरत है। ये निर्देश और टिप्पणियां न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने वकील अश्वनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिये। उपाध्याय की याचिका में मांग की गई है कि गंभीर अपराधों जैसे हत्या, दुष्कर्म आदि के अपराध में अदालत से आरोप तय होने पर व्यक्ति के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए। चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील अमित शर्मा ने कहा कि याचिका में की गई मांग काफी हद तक संसद के अधिकार क्षेत्र में आती है। पीठ ने कहा कि वह सभी को जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का अंतिम मौका दे रहे हैं।