Giridih: गावां - तिसरी के बाद ढिबरा माफियाओं के लिए सेफ जोन बना देवरी प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्र, स्थानीय लोगों के साथ मिलकर की जा रही है तस्करी


▪️जंगली क्षेत्र में किए गए है लाखों की कीमत के कई ट्रेक्टर ढिबरा डम्प

▪️रात के अंधेरे में ट्रक पर लोडकर खपाया जाता है गिरीडीह कई फैक्ट्री में

तिसरी, गिरिडीह 
रिपोर्ट : पिंटू कुमार

गावां - तिसरी में ढीबरा के अवैध कारोबार पर रोक लगाने व वन विभाग के लगातार कार्रवाई के बाद अब माइका माफिया ढीबरा के अवैध परिवहन व तस्करी के लिए अब देवरी को अपना सेफ जोन बना लिए हैं। इन दिनों न सिर्फ देवरी के सीमावर्ती इलाकों में ढीबरा को डंप किया जा रहा है, बल्कि इसके साथ ही यहां से इसे गिरिडीह भेजा जा रहा है। हालांकि वन विभाग द्वारा लगातार कार्यवाई की जाती रही है किंतु वन विभाग की कार्यवाई से उन्हें कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा है।

बता दें तिसरी-देवरी प्रखंड के सीमा पर स्थित तेतरीया के गोइनाथर टोला और जवारी गांव में ढिबरा के अवैध कारोबार से जुड़े लोग काफी सक्रिय है। मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की सुबह तिसरी व देवरी के जंगल से ढिबरा ले जाते हुए चार ट्रेक्टर को जवारी गांव में पकड़ने की सूचना पर जब मीडिया कर्मी जवारी गांव पहुंचे तो स्थानीय ग्रामीणों ने ढिबरा लदे हुए चार ट्रेक्टर को पकड़ कर छोड़ने की बात स्वीकार की। वहीं सूत्रों से यह भी जानकारी मिली कि इन क्षेत्रों में कुल 35 टन से अधिक ढीबरा स्टॉक किए गए हैं, जिनकी कीमत लाखों में हैं।


बताया गया कि ट्रेक्टर से ढिबरा कही डंप करवा कर छोड़ दिया गया।हालाकि कुछ ग्रामीण ने बताया कि यह ढीबरा अलाउद्दीन, पप्पू,और सुरेन्द्र बरनवाल का है। यहां तिसरी के लोग आते है और रात के अंधेरे में ट्रक से लोड कर गिरिडीह ले जाते है। सूत्रों की माने तो बाईक से आबास के साथ अन्य लोग स्कोट कर ट्रक को पार कराता है।

बताते चलें कि जब ग्रामीणों की बात पर ढिबरा देखा गया तो घसकारीडीह पंचायत के जवारी गांव में प्रेम हंसदा के घर में, जीतन हेमब्रॉम के घर के बगल में भारी मात्रा में ढिबरा का ढेर पाया गया। वहीं गोईनाथर गांव में इतवारी यादव की जमीन पर मुंशी सुरेश के देख रेख में कई स्थानों ढिबरा का ढेर लगा रखा गया है। सबसे बड़ी बात है वन विभाग की इतनी बड़ी करवाई के बाद भी मुख्य आरोपी गिरफ्त से बाहर होकर फिर से तस्करी करना शुरु कर देता है। अब देखना है की वन विभाग आगे क्या कार्रवाई करता है।

इधर इस मामले को लेकर रेंजर अनिल कुमार ने कहा कि ढिबरा डंप की सूचना उन्हें नही थी। कहा कि ढिबरा की तस्करी के रोकथाम के लिए विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। इसमें जो भी दोषी होगा करवाई किया जायेगा। वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर देवरी निवासी सुरेंद्र बरनवाल ने कहा कि इन जगहों पर पूर्व में ढीबरा डंप किया गया था। अब वह काम नहीं कर रहे हैं।