बगोदर, गिरिडीह
रिपोर्ट : अशोक कुमार
बगोदर प्रखंड के अटका पड़ाव मैदान में सादे समारोह आयोजित कर मथुरा प्रसाद सहित दस लोगों को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि सभा में सर्वप्रथम मथुरा प्रसाद की धर्मपत्नी शांति देवी ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिए। इसके बाद बारी-बारी से लोगों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
बताया जाता है कि आज से 24 साल पूर्व एक ही दिन एक साथ दस लोगों का नरसंहार हुआ था। नरसंहार के दौरान 8 लोगों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी, जबकी दो लोगो को इलाज के दौरान मौत हुई थी। यह घटना 24 साल पूर्व 7 जुलाई 1998 को नक्सलियों द्वारा अंजाम दिया गया था। इसमें तत्कालीन मुखिया सहित 10 लोगों की मौत हो गई थी।
एकत्रित बिहार में बगोदर के अटका में हुए नरसंहार की घटना उस समय की सबसे बड़ी नक्सली घटना थी। ऐसे में घटना के बाद तत्कालीन सीएम राबड़ी देवी भी अटका पहुंची थी और उन्होंने घर में मारे गए लोगों के परिवारों के एक-एक सदस्य को नौकरी देने सहित अन्य लाभ देने की घोषणा की थी। घटना के डेढ़ साल बाद अलग राज्य झारखंड का निर्माण हो गया और नौकरी देने का फाइल गुम हो गया। नतीजा घटना के 24 साल बाद नौकरी की नसीब नहीं हुई।
इस घटना के बाद झारखंड राज्य अलग होने के बाद भी तत्कालीन विधायक और वर्तमान विधायक ने भी कई बार विधानसभा में मामला उठा चुके हैं। श्रद्धांजलि सभा में बगोदर के पूर्व विधायक नागेन्द्र महतो, पुर्व जोन के जिप सदस्य प्रतिनिधि मथुरा प्रसाद, मुंडरो के पुर्व मुखिया उमेश मंडल, झामुमो नेता शत्रुधन मण्डल, पंचायत समित पशुपति शर्मा, धनंजय सिंह, मनोहर कुमार सहित अन्य लोग मौजूद थे।