Tisri: मनरेगा की स्टेट टीम ने किया मनरेगा के तहत लगाए गए बागवानी योजना का जांच, दिया गया आवश्यक दिशा निर्देश



तिसरी, गिरिडीह 
रिपोर्ट : पिंटू कुमार

तिसरी प्रखंड के खटपोंक पंचायत के रिझनी, कर्णपुरा, भोक्ताडीह समेत कई गांव में मनरेगा से संचालित आम बागवानी का जांच शुक्रवार को स्टेट टीम द्वारा किया। जांच के क्रम में कई योजनाओं में बोर्ड लगा नहीं पाया गया, जिस पर स्टेट टीम द्वारा बोर्ड लगाने का निर्देश दिया गया। इसके साथ ही योजनाओं को अच्छे ढंग से संचालित करने को लेकर लाभुक को कई टिप्स भी दिए गए। 

जानकारी देते हुए स्टेट टीम के राजीव कुमार ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत संचालित आम बागवानी की जांच की गई है। कुछ कमियां देखने को मिली जिसकी सुधार के लिए दिशा निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही बागवानी के रख रखाव को लेकर भी कई टिप्स दिए गए हैं। जिस योजना में शिलापट्ट नहीं लगाया गया वहां शिलापट्ट लगाने का निर्देश दिया गया है। कुल गड़बड़ियों को छोड़कर बाकी सभी कुछ सही देखने को मिला है।

मनरेगा के तहत सिर्फ बागवानी का जांच कराना है खानापूर्ति

इधर मनरेगा के तहत सिर्फ बागवानी का जांच होने के बाद क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। जितनी मुंह उतनी बातें हो रही है। कोई यह कह रहा है कि जिस योजना में गड़बड़ी नहीं मिलती है उसकी जांच कराई जाती है। जबकि मिट्टी मोरम सड़क, टीसीबी, ढोभा, तालाब, पशु शेड जैसे योजनाएं जिसमे गड़बड़ियां ही गड़बड़ियां होती है वैसे योजनाओं का जांच नही किया जाता है।

दिन के उजाले में होता है जेसीबी मशीन से काम

लोगों के बीच हो रहे चर्चा के मुताबिक प्रखंड में कई योजना दिन के उजाले में जेसीबी मशीन द्वारा किया जाता है। इन योजनाओं में फर्जी मजदूरों से निकासी की जाती है और पैसों का बंदरबांट किया जाता है। ऐसे योजनाओं का जांच करने छोड़ कर अधिकारी बागवानी जैसी योजनाओं का जांच करते हैं। ये खानापूर्ति नहीं तो और क्या है।

योजनाओं पर किया जाता है योजना

क्षेत्र में चर्चाओं के मुताबिक कई ऐसे डोभा व तालाब मनरेगा के तहत बनाए गए हैं जो पूर्व में ही बन चुके हैं। अधिकारियों के मिलीभगत से पूर्व में बने योजना के दस बीस मीटर की दूरी पर जियो टैग कर दिया जाता है। और हल्का फुल्का ड्रेसिंग कर उसे नया योजना बना कर पैसों की निकासी कर ली जाती है। वहीं कई योजना ऐसे भी होते हैं जो सिर्फ कागजों पर होते हैं। जब उस योजना में गड़बड़ी की भनक किसी को लग जाती है तो कहीं ओर बोर्ड लगा कर योजना दिखा दिया जाता है। अगर अच्छे से इन योजनाओं की जांच कराई जाए तो इसमें कई गड़बड़ियां सामने आ सकती हैं।

काम नहीं मिलने से मजदूरों का हो रहा पलायन

इस संबंध में झामुमो प्रखंड अध्यक्ष रिंकू बरनवाल ने कहा कि पूरे तिसरी प्रखंड के सभी पंचायतों में जेसीबी के माध्यम से रात के अंधेरों में निर्माण कार्य कराया जाता है और सवेरे दाग मिटा दिया जाता है। इसमें संबंधित जो भी कर्मी है उनकी मिलीभगत से ऐसा हो रहा है। विभाग को इसकी जांच करनी चाहिए और जांच के उपरांत जो भी संबंधित कर्मी और ठेकेदार है उन पर कार्यवाही होनी चाहिए। क्यूंकि इससे कहीं न कहीं मजदूरों को नुकसान हो रहा है। और तिसरी में जो भी मजदूरों का पलायन हो रहा है उसका जिम्मेवार कहीं न कहीं यही मनरेगा कर्मी हैं।