नई दिल्ली
बेटियों के लिए स्नातक तक की शिक्षा निःशुल्क एवम अनिवार्य करने की मांग को लेकर आदर्श फाउंडेशन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
पत्र के माध्यम से आदर्श फाउंडेशन के सचिव सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री से विशेष आग्रह करते हुए कहा है कि अपात्र एवम अमीर लोगों की सब्सिडी को काटने एवम बेटियों की स्नातक तक की शिक्षा निःशुल्क एवम अनिवार्य करने का समय आ चुका है। सुदूरवर्ती एवम दूरदराज के क्षेत्र में निवास करने वाले मजदूर, किसान एवम समाज के कमजोर वर्ग के पास इतना पैसा नहीं है कि वे दर्जनों मील दूर स्थित महाविद्यालय या इंटर कालेज में अपनी बेटियों को शिक्षा हेतु नियमित भेज सकें।
प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में होनहार बेटियां बुनियादी सुविधा एवम आर्थिक समस्या की वजह से उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती हैं। आदर्श फाउंडेशन द्वारा झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा एवम महाराष्ट्र के सुदूरवर्ती सोलह जिलों में सर्वे के दौरान यह बात खुलकर सामने आई की 1657 बेटियों में से सिर्फ 211 बेटियों को ही उच्च शिक्षा ग्रहण करने का अवसर प्राप्त हुआ। अन्य होनहार बेटियां चाहकर भी उच्च शिक्षा से नहीं जुड़ पाई।
आदर्श फाउंडेशन की भारत सरकार से मांग है कि उपरोक्त मांग पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जाय, ताकि होनहार बेटियां भी पढ़ लिखकर सरोजनी नायडू, कल्पना चावला, प्रतिभा सिंह पाटिल, इंदिरा गांधी, सुषमा स्वराज, सोनिया गांधी एवम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरह बनने का प्रयास कर सकें। उच्च शिक्षा का समुचित इंतजाम न होने की वजह से बेटियों की कम उम्र में शादी भी कर दी जाती है। भारत की होनहार बेटियां पढ़ेंगी तभी भारत एक सबल और समृद्ध राष्ट्र बन पाएगा।