झारखंड
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) द्वारा नरेश सिंह भोक्ता की नृशंस हत्या के सिलसिले में बिहार के गया और औरंगाबाद जिले और झारखंड के पलामू जिले में आरोपियों और संदिग्धों के परिसरों की तलाशी ली। पांच गिरफ्तार कमांडरों और भाकपा (माओवादी) के दो संदिग्ध ओजीडब्ल्यू/समर्थकों के आवासीय परिसरों में तलाशी ली गई। इस दौरान कई डिजिटल उपकरण जैसे मोबाइल फोन, सिम कार्ड, आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं। बता दें कि बुधवार को भी एनआईए की टीम ने इसी मामले में झारखंड और बिहार में सात जगहों पर छापेमारी की थी.
क्या है पूरा मामला
प्रतिबंधित आतंकवादी द्वारा बुलाई गई तथाकथित 'जन अदालत' (जन सुनवाई) में भाकपा (माओवादी) और नक्सल कैडरों के शीर्ष नेतृत्व द्वारा पुलिस मुखबिर के रूप में लेबल किए जाने के बाद 2 नवंबर, 2018 की रात को भोक्ता का अपहरण कर लिया गया था और उसकी हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद उसका शव बिहार के औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के बधाई बिगहा गांव के पास से बरामद किया गया.
इन्हें किया गया था गिरफ्तार
वहीं, 24 जून 2022 को एनआईए ने इस मामले को बिहार पुलिस से अपने हाथ में ले लिया. इस मामले में अब तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. फरवरी 2023 में, एनआईए ने 01 अभियुक्त अजय सिंह भोक्ता पुत्र जगदीश सिंह भोक्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 121ए, 364, 471 और 302, आर्म्स एक्ट की धारा 25(1ए) और 27 के तहत पूरक आरोप पत्र दायर किया था। धारा 27 के तहत। और अपनी जांच के दौरान, NIA ने हत्या की साजिश में CPI (माओवादी) कमांडरों की संलिप्तता पाई थी। हत्या में प्रयुक्त हथियार और वाहन भी बरामद किए गए हैं।
इन लोगों के घर पर छापा मारा गया था कल
इधर, बुधवार सुबह बिहार एनआईए की टीम ने पलामू जिले में माओवादी स्टेट कमेटी सदस्य अभिजीत यादव और सब जोनल कमांडर राम प्रसाद यादव के घर पर छापेमारी की. एनआईए की टीम ने दोनों माओवादियों के घरों में विभिन्न दस्तावेजों की तलाशी ली थी। नक्सली अभिजीत यादव छतरपुर थाना क्षेत्र के बंधुडीह गांव का रहने वाला है, जबकि प्रसाद यादव छतरपुर थाना क्षेत्र के बगैया गांव का रहने वाला है. झारखंड सरकार ने शीर्ष माओवादी अभिजीत यादव पर 10 लाख और प्रसाद यादव पर पांच लाख का इनाम रखा था.