गुजरात
गुजरात में सेना के फर्जी कागजात के नाम पर फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. इस गैंग ने जम्मू-कश्मीर के 1000 लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया है. सैन्य खुफिया निदेशालय की पुणे शाखा के इनपुट के आधार पर अहमदाबाद सिटी क्राइम ब्रांच ने इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है.
खुलासे में पता चला है कि यह गिरोह बारामूला और अनंतनाग जिले के लोगों के नाम पर आर्मी कोटा के तहत ड्राइविंग लाइसेंस जारी करता था. गांधीनगर और अहमदाबाद में आरटीओ कार्यालयों से लगभग 1000 ऐसे लाइसेंस जारी किए गए हैं। इस मामले में सिटी क्राइम ब्रांच ने दो आरटीओ एजेंट संतोष चौहान (47) और धवल रावत (23) को गिरफ्तार किया है.
आरोपियों के पास से कई नकली सामान बरामद
क्राइम ब्रांच पुलिस इंस्पेक्टर एमएस त्रिवेदी ने शुक्रवार को शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि आरोपी के पास से 284 ड्राइविंग लाइसेंस, 97 सर्विस मोटर ड्राइविंग लाइसेंस बुक, नौ नकली रबर स्टांप, 3 लैपटॉप, 4 मोबाइल फोन, 37 अनापत्ति प्रमाण पत्र, 9 सेवा प्रमाण पत्र, 5 पुष्टि पत्र, 27 स्पीड पोस्ट स्टिकर और एक पासपोर्ट जब्त किया गया है. डिजिटल पेन जब्त किए गए।
दोनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर
त्रिवेदी ने बताया कि इस मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है और आगे की जांच की जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि आरोपी ने फर्जी स्टांप बनाने के लिए ऑनलाइन स्टांप बनाने की मशीन खरीदी थी. सभी से 6000 रुपये से 8000 रुपये तक चार्ज करता था।