बगोदर, गिरिडीह
नियोजन नीति का विरोध अब धीरे-धीरे जोर पकड़ने लगा है। इसके खिलाफ झारखंड के प्रवासी मजदूर सात समंदर पार रहने के बावजुद भी 60-40 नीति के खिलाफ तख्ती लेकर विरोध करते नजर आ रहे हैं।
बता दें कि पिछले दिनों छात्र नेताओं के द्वारा 2 दिनों के लिए झारखंड बंद बुलाया गया है और इसी के तहत विदेशों में झारखंड के प्रवासी मजदूरों के द्वारा विरोध जताकर सोशल मीडिया के माध्यम से फोटो अपडेट किया है। इधर, दूसरी तरफ सड़कों पर उतर कर लोग 60-40 नियोजन नीति के खिलाफ बंद का समर्थन कर रहे हैं। बंद का मिलाजुला असर बगोदर में भी देखने को मिला है। लंबी दूरी की बसे नहीं चली है, जबकि छोटी वाहन सड़क पर चलती नजर आई।
बता दें कि मस्कट(दूसरे देश) में मजदूरों के द्वारा 60-40 स्थानीय नीति के खिलाफ झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के द्वारा प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन को बल देने के लिए वहां हाथ में तख्तियां लेकर सोशल मीडिया में डाला गया, जिसम खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति लागू करने की मांग हो रही है। ज्ञात हो कि इसी कड़ी में 10 व 11 जून को झारखंड बंद का घोषणा की गई है।
मस्कट में रहकर नीति के विरोध में प्रदर्शन करने वाले झारखंड के प्रवासी मजदूरों में घाघरा निवासी धनेश्वर महतो, गेन्दोडीह निवासी बालेश्वर महतो, मुंडरो के बोध लाल महतो, तारा नारी के दुलारचंद महतो, पत्थलडीहा के खेमलाल महतो, गम्हरिया टांड के प्रीतम महतो, अंचल जामो के नरेश महतो, जरुवाडीह के जयदेव शंकर महतो, सिधाबारा के बिंदेश्वरी महतो, गोबिंदपुर के चंदेश्वर महतो, कुलगो के दुलार चंद महतो, खेमलाल महतो आदि शामिल हैं।