कोलकाता
पश्चिम बंगाल में एक दर्दनाक घटना हुई है. राज्य के उत्तर दिनाजपुर के कालियागंज में पैसे के अभाव में पिता 8000 रुपये में एंबुलेंस नहीं ले सका. पांच माह के बच्चे के शव को बैग में भरकर वह कालियागंज ले गया. इस घटना के सार्वजनिक होने के बाद हड़कंप मच गया है। इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि प्रदेश की जनता की इंसानियत मर चुकी है। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने इसे लेकर ट्वीट कर ममता बनर्जी पर निशाना साधा है.
आरोप है कि लाचार पिता पैसे के अभाव में मृत बच्चे को बिना एंबुलेंस के बैग में भरकर सिलीगुड़ी से कालियागंज ले आया। इस घटना की जानकारी होते ही पूरे जिले में सनसनी फैल गई। सूत्रों के अनुसार कलियागंज प्रखंड के मुस्तफानगर ग्राम पंचायत के डांगीपारा गांव निवासी असीम देव शर्मा की पत्नी ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. पांच महीने बाद दोनों बच्चे बीमार पड़ गए। दोनों को बीते रविवार को कालियागंज सरकारी सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने इस घटना को लेकर किया ट्वीटThis is Ashim Debsharma; father of a 5 month old infant who died in a Medical College in Siliguri.
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) May 14, 2023
He was being charged Rs. 8000/- to transport the dead body of his child. Unfortunately after spending Rs. 16,000/- in the past few days during the treatment, he couldn't pay the… pic.twitter.com/G3migdQww8
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने इस घटना को लेकर ट्वीट किया और लिखा कि 8000 रुपये का एंबुलेंस का किराया उनके बच्चे के शव को ले जाने के लिए पर्याप्त नहीं था. दुर्भाग्य से, पिछले कुछ दिनों से इलाज के दौरान 16,000 / - रुपये खर्च किए गए। इसलिए उन्होंने बच्चे के शव को एक बैग में रखा और उत्तर दिनाजपुर जिले के कालियागंज के मुस्तफानगर गांव में अपने घर वापस जाने के लिए एक सार्वजनिक बस में सवार हो गए। उन्होंने कहा कि हमें तकनीकी बातों में नहीं पड़ना चाहिए, लेकिन क्या "स्वास्थ्य साथी" ने यही हासिल किया है। यह दुर्भाग्य से "आगिये बांग्ला" मॉडल का एक सच्चा चित्रण है।
बच्चे को शव को बैग में भरकर ले जाना पड़ा, यह दुख की बात है- सुकांत मजूमदार ने कहाThis poor person has to carry the dead body of his child in the bag. He didn’t find any Ambulence. This is the condition of the health facility in West Bengal. This case is from Uttar Dinajpur district . Sad but this is the reality across all districts in West Bengal. pic.twitter.com/gOziExkCVF
— Dr. Sukanta Majumdar (@DrSukantaBJP) May 14, 2023
बीजेपी की बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ट्वीट किया, "इस बेचारे को अपने बच्चे की लाश को अपने बैग में ढोना पड़ रहा है. उसे कोई एंबुलेंस नहीं मिली. पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य सुविधाओं का यह हाल है. यह मामला उत्तर दिनाजपुर जिले का है.'' यह दुखद है लेकिन पश्चिम बंगाल के सभी जिलों की यही हकीकत है।
बता दें कि शनिवार की रात एक और बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। आसिम पेशे से प्रवासी मजदूर हैं। उन्होंने कहा कि पैसों के अभाव में उनके पास उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एंबुलेंस का किराया देने के लिए पैसे नहीं थे. रविवार की सुबह वह निजी बस से बैग में मृत बेटे का शव लेकर रायगंज पहुंचे।
असीम देव शर्मा ने बताया कि शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस से संपर्क करने पर एंबुलेंस चालक ने आठ हजार रुपये की मांग की. वह पहले ही इलाज पर काफी खर्च कर चुका है। लगभग पूरी तरह से उसके बाद बदनसीब पिता इतना पैसा खर्च करके बच्चे की लाश नहीं ला सका, इसलिए पिता अपने बेटे के शव को कंधे पर झोले में लेकर बस में चढ़ गया।