तिसरी, गिरिडीह
तिसरी प्रखंड पंचायत अंतर्गत रोहनटांड़ गांव के ग्रामीण पानी के लिये इधर उधर भटक रहे है। गांव के सभी कूप सुख चुके है और करीब करीब सभी चापाकल खराब पड़ा हुआ है। जिसके कारण ग्रामिणों को करीब तीन किमी दूर जाकर जल स्रोत से पीने के लिए पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है। विदित हो कि रोहन टांड गांव में बीस घर आदिवासी बहुल जाति के लोग निवास करते है।
ग्रामीणो की माने तो नहाने का छोड़िए पीने का पानी जुगाड़ कर लेते है वही हमलोग के लिये बहुत है। ग्रामीण साँझला बास्के ने कहा गांव में इस भीषण गर्मी में सरकारी कूप सुख गया। चापाकल से पानी निकलता था वह भी खराब होने के कारण पानी निकालना बंद हो गया। पानी की किल्लत के कारण आधा किमी दूर जुगियादा घाटी के पास से जमा पानी पीने को मजबूर है। दिन रात पानी के लिये गांव के लोग बारी बारी से पानी जमा होने पर लाते है। वहीं तीन किमी दूर नदी नाला से नहाने धोने का काम करते है।
इधर जब इस संबंध में बीडीओ संतोष प्रजापति से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अविलंब पीएचईडी विभाग के जेई मणिकांत मंडल को चापाकल बनाने का निर्देश देकर पेयजलापूर्ति की व्यवस्था की जायेगी।