Jharkhand: नेतरहाट घाटी के सिरसी मोड़ पर तेंदुआ देखे जाने से लोगों में दहशत, वन विभाग ने यह बात कही


गुमला

गुमला जिले के बिशुनपुर प्रखंड में पहली बार तेंदुआ देखा गया है. गुमला-लातेहार सीमा पर नेतरहाट घाटी के सिरसी मोड़ पर तेंदुआ देखा तो लोगों में दहशत फैल गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि तेंदुआ घाटी में बने पहरे की दीवार पर बैठा देखा गया. कार की लाइट देखकर यह तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया।

नेतरहाट के पवन ने ली तेंदुए की तस्वीर 

नेतरहाट निवासी पवन बड़ाईक ने बताया कि मैं अपने दोस्त जॉनसन टोप्पो के साथ कार से नेतरहाट से महुआडांड जा रहा था. इसी दौरान घाटी के सिरसी मोड़ के पास सड़क किनारे बनी गार्ड वॉल पर एक तेंदुआ बैठा दिखा। उस समय शाम के 6:55 बज रहे थे। यह एक विशाल तेंदुआ था।

प्रत्यक्षदर्शी ने कहा- हम काफी डरे हुए थे 

पवन ने बताया कि इन लोगों ने मोबाइल फोन से तेंदुए की तस्वीर भी ले ली. पवन ने बताया कि वह और उसके दोस्त दोनों काफी डरे हुए थे। फिर भी उसने तेंदुए की तस्वीर अपने मोबाइल फोन के कैमरे में कैद कर ली। लेकिन कुछ ही देर में तेंदुआ वहां से भागकर जंगल में चला गया।

तेंदुआ सोशल मीडिया पर वायरल हो गया
 
तेंदुए की यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। नेतरहाट घाटी में तेंदुआ देखे जाने की बात को लोग अपने स्टेटस और वॉल पेपर पर तेंदुए की तस्वीर लगाकर वायरल कर रहे हैं. यह क्षेत्र के लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

सूचना मिलने के बाद भी वन विभाग का कोई कर्मी नहीं पहुंचा 

सूचना मिलने के बावजूद वन विभाग का कोई भी कर्मी उक्त स्थल पर नहीं पहुंचा और जानकारी लेने का प्रयास किया. वहीं लोहरदगा रेंज के डीएफओ अरविंद कुमार ने बताया कि लोहरदगा संभाग में करीब 20 तेंदुए मौजूद हैं. इससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। लोग सावधान रहें।

तेंदुआ और भालू ज्यादा खतरनाक नहीं : वन विभाग के अधिकारी 

वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि तेंदुआ घने जंगलों में रहता है। बीच-बीच में भटकते हुए वह सड़क किनारे आ जाता है। कभी-कभी यह दिखाई देता है, कभी-कभी लोग इसे नहीं देखते। उन्होंने कहा कि तेंदुआ और भालू ज्यादा खतरनाक नहीं हैं। सबसे खतरनाक शेर है, जो बेतला टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के जंगलों में विचरण करता है। इससे लोगों को ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है।