Balu ghat tender in Jharkhand
बालू घाटों के लिए प्रदेश के 12 जिलों के करीब 150 घाटों के टेंडर निकाले जा चुके हैं। खदान विभाग ने टेंडर में घाटों से बालू निकालने की दर 83 रुपये प्रति सीएफटी निर्धारित की है। लेकिन, फाइनेंशियल बिड में कंपनियों ने 10 से 20 रुपये प्रति सीएफटी के रेट भरे हैं। जिससे जिलों में बालू का टेंडर अटका हुआ है। उपायुक्तों ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहे मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को इसकी जानकारी दी.
उपायुक्तों ने बालू घाटों के टेंडर को निर्धारित राशि से कम राशि में फाइनल करने में खान विभाग को आ रही दिक्कतों के बारे में बताया। श्री सिंह ने कम राशि कोट करने वाले ठेकेदारों से दर औचित्य प्राप्त करने की सलाह दी, इससे संतुष्ट होने पर अतिरिक्त बिड सिक्योरिटी लेकर प्रक्रिया पूर्ण करें। टेंडर को मानसून आने से कम से कम 20 दिन पहले पूरा करने को कहा, ताकि बालू का स्टॉक करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। उन्होंने जिलों को प्राथमिकता के आधार पर बालू घाटों के टेंडर शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
अवैध खनन रोकने के लिए उपायुक्तों को दिए निर्देश
वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को अवैध खनन रोकने के निर्देश दिए. कहा कि जिला स्तर पर गठित टास्क फोर्स नियमित मॉनीटरिंग करे। जिलों में अवैध खनन के हॉट स्पॉट चिन्हित कर कार्रवाई करें। अब तक दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई करें। श्री सिंह ने जिला खनिज कोष न्यास (डीएमएफटी) के बारे में जानकारी ली।
उन्हें बताया गया कि डीएमएफटी के तहत जिलों में करीब 10,696 हजार करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है. इसमें से 8,147 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है. श्री सिंह ने उपायुक्तों को फंड के हिसाब से योजनाओं की स्वीकृति देने को कहा। पूर्व में भी दिए गए निर्देशों की पालना रिपोर्ट मांगी है।
दिया गया गैर जरूरी बैंक खातों को बंद करने का निर्देश
मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को गैर जरूरी बैंक खातों को बंद करने के निर्देश दिए। कहा कि बैंकों में सरकार का पैसा बेकार नहीं पड़ा रहना चाहिए। उन्होंने उपायुक्तों को भूमि अधिग्रहण से संबंधित परियोजनाओं के नामांतरण में समय बर्बाद नहीं करने के निर्देश दिए।
कहा कि भूमि अधिग्रहण या नामांतरण संबंधी समस्याओं के लिए सड़क निर्माण, खान व अन्य विभागों की योजनाओं में विलंब नहीं होना चाहिए। इसके लिए उपायुक्त का समय निर्धारित कर नामांतरण या अन्य समाधान सुनिश्चित करें। मुख्य सचिव ने कृषि ऋण माफी और सूखा राहत योजना के तहत हुए कार्यों की भी समीक्षा की.