Deoghar: त्रिकुट पहाड़ी के नीचे वन भूमि पर 26 दुकानें, अब इन्हें हटाने की कार्रवाई की जाएगी



देवघर

देवघर के त्रिकुट पर्वत के नीचे का वह स्थान, जहां पर्यटकों को वाहन खड़ा करने पर पीटा जाता था, वन विभाग के अधीन है। वन भूमि पर एक दुकान के समीप वाहन खड़ा करने को लेकर पर्यटकों से मारपीट की घटना के बाद प्रशासन सख्त है. वन विभाग ने त्रिकुट पर्वत के रास्ते में कुल 26 ऐसी दुकानों की पहचान की है, जो वन भूमि पर हैं। अब वन विभाग इन दुकानों को अवैध रूप से हटाने की प्रक्रिया शुरू करेगा।

जगह खाली नहीं करने पर दर्ज किया जाएगा प्राथमिकी

पहले चरण में इन दुकानदारों को नोटिस भेजा जाएगा। नोटिस में उन्हें पहले खाली करने का समय दिया जाएगा। इसके बाद निर्धारित समय में जगह खाली नहीं करने पर मामला दर्ज कर पुलिस के सहयोग से दुकानों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी। त्रिकुट पर्वत के रास्ते पर अतिक्रमण के कारण श्रावणी मेले सहित अन्य दिनों में त्रिकुटांचल आश्रम व मंदिर जाने वाले यात्रियों को परेशानी हो रही है. त्रिकुट पर्वत की सीढ़ियों पर अवैध रूप से दुकानें भी लगा दी गई हैं।

चार वर्ष पूर्व भी भेजा गया था नोटिस

त्रिकूट पर्वत के रास्ते में वन भूमि पर अतिक्रमण की कार्रवाई चार साल पहले शुरू की गई थी। इस दौरान वन विभाग ने कुल 21 लोगों को नोटिस भेजकर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन तत्कालीन डीएफओ ममता प्रियदर्शी के तबादले के बाद कार्रवाई रुक गई थी. जगह को लेकर पर्यटकों से मारपीट को लेकर अब वन विभाग चिन्हित जमीन पर कार्रवाई करने की तैयारी में है।

अधिकारी क्या कहते हैं 

देवघर के डीएफओ राजकुमार साह ने बताया कि त्रिकुट पहाड़ के रास्ते में वन भूमि पर 26 दुकानों को काफी पहले चिन्हित किया गया है, जो फाइल में है. अब वन भूमि पर और भी नई दुकानें खुल गई हैं। नई दुकानों का भी सर्वे होगा। पहले खाली करने का नोटिस दिया जाएगा। दुकानें नहीं हटाने पर वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। कानून के तहत अतिक्रमण करने वालों को जेल भी हो सकती है। पुलिस की मदद से अतिक्रमण हटाया जाएगा।