Ujjain: महाकाल के दरबार में लगाया जा रहा था नकली भस्म आरती के नाम पर चुना, पुलिस ने 7 लोगों को किया गिरफ्तार


उज्जैन

उज्जैन पुलिस ने मात्र 36 घंटे में एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो श्री महाकालेश्वर प्रबंधन समिति को भस्म आरती की फर्जी अनुमति देकर न केवल रोजाना हजारों रुपये का नुकसान कर रहा था. वहीं इस गिरोह के लोग भस्म आरती की अनुमति के नाम पर बाबा महाकाल के भोले भक्तों तक को परेशान कर रहे थे. दो दिन पहले श्री महाकालेश्वर प्रबंधन समिति के कार्यालय अधीक्षक प्रेमनारायण उदैनिया ने महाकाल थाने में पवन कुमार और मृत्युंजय कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 36 के तहत मामला दर्ज कराया था.

पुलिस ने इस पूरे मामले की तह तक जाकर 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से 6 मोबाइल, एक लैपटॉप, एक सीपीयू और हजारों रुपये की नकदी बरामद हुई है. इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एडिशनल एसपी अभिषेक आनंद ने बताया कि पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा के निर्देशन में इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. इसमें पहले इन जालसाजों के खिलाफ मिले हर साक्ष्य को जुटाया गया और उसके बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

मोबाइल, नगद समेत अन्य सामान हुए बरामद

एडिशनल एसपी आनंद ने बताया कि पवन शर्मा निवासी 51 सांदीपनी नगर डाचा भवन उज्जैन, मृत्युंजय पाण्डेय कुमावत निवासी जयसिंहपुरा उज्जैन, शेखर तिवारी निवासी 115/64 हनुमान नाका गढ़पुलिया उज्जैन, गौरव शर्मा निवासी 6 महावीर मार्ग नयापुरा उज्जैन, विशाल शर्मा निवासी 75 गोतमर्ग नयापुरा उज्जैन, विपिन मकवाना निवासी 16/1 अवंतिपुरा उज्जैन हर्ष धारिया निवासी 19/1 अवंतिपुरा उज्जैन को गिरफ्तार किया गया है। जिनके पास से 6 मोबाइल, 1 लैपटॉप, 1 सीपीयू समेत हजारों की नकदी जब्त की गई है.

बाहर से आए लोगों को बनाया जाता था शिकार
 
बताया जाता है कि यह जालसाज गिरोह ऐसे लोगों को अपना शिकार बनाता था जो बाहर से आए होते हैं और उन्हें भस्म आरती की बुकिंग से जुड़ी कोई जानकारी नहीं होती है. इस जत्थे में बाबा महाकाल की सुरक्षा में लगी कंपनी के साथ ही घाट पर बैठे कुछ लोग शामिल थे, जो भस्मारती की बुकिंग के लिए प्रति व्यक्ति मनचाही रकम वसूलते थे.

इस गिरोह के लोगों का इतना कड़ा रवैया था कि वे पुरानी अनुमति पर अपने भक्तों के नाम लिखकर उन्हें यह नई अनुमति दे देते थे, क्योंकि सुरक्षा में इस गिरोह के कुछ ही लोग थे, इसलिए प्रवेश के दौरान महाकालेश्वर मंदिर में इन लोगों को किसी की भी अनुमति नहीं थी। कोई टंटा बखेड़ा नहीं था। इसी तरह यह गिरोह फर्जी भस्म आरती की अनुमति लेकर लोगों को भस्म आरती भी करवा रहा था। भक्तों के भस्म आरती के दर्शन करने के बाद ये लोग अपने हिस्से का पैसा आपस में बांट लेते थे।

ऐसे हुआ जालसाजों का भंडाफोड़

नई दिल्ली निवासी मोहित अरोड़ा, नई दिल्ली के उत्तम नगर निवासी नितिन भारद्वाज और दिशांत गारा 2 दिन पूर्व उज्जैन में कालसर्प पूजन करने आए थे. यहां उसकी मुलाकात पवन कुमार नाम के व्यक्ति से हुई। जिसने तीनों भक्तों से भस्म आरती कराने के नाम पर 45 की राशि ली थी और भस्म आरती करने की अनुमति भी दी थी उसी अनुमति से नितिन, मोहित और दिशांत भस्म आरती देखने महाकाल मंदिर पहुंचे थे.

यहां जांच के दौरान यह अनुमति फर्जी पाई गई, जिस पर जब सुरक्षा कर्मियों ने अनुमति संख्या से इन तीनों दर्शनार्थियों के नंबर का मिलान किया तो यह अनुमति गलत निकली, जिसके बाद नितिन भारद्वाज ने अपने साथ धोखाधड़ी की शिकायत लिखित रूप से श्री महाकालेश्वर प्रबंधन समिति से किया। 

बाद में बढ़ाया गया धारा

बताया जाता है कि महाकाल थाना पुलिस ने पूर्व में पवन कुमार व मृत्युंजय के खिलाफ 420,34 भादवि का मामला दर्ज किया था. इस मामले में महाकाल थाना प्रभारी मुनेंद्र गौतम व उनकी टीम द्वारा की गई जांच के बाद सात आरोपितों को गिरफ्तार करते हुए भादवि की धारा 467, 468, 471 में वृद्धि कर कार्रवाई की गई है.

Qr Code से पकड़ाई गड़बड़ी

श्री महाकालेश्वर मंदिर के व्यवस्थापक संदीप सोनी ने बताया कि पहले भस्म आरती की रसीद पर क्यूआर कोड नहीं होता था, लेकिन कुछ दिन पहले हर रसीद पर अलग से क्यूआर कोड लगाया जा रहा है, ताकि इस तरह की गड़बड़ी को पकड़ा जा सके. क्यूआर कोड के कारण यह समस्या संज्ञान में आई है, जल्द ही मंदिर की दर्शन व्यवस्था से लेकर अन्य व्यवस्थाओं में भी इसी तरह सुधार होगा।