झारखंड
झारखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सामान्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए संचालित मोबाइल चिकित्सा इकाइयां बंद रहेंगी. यह एक बार में नहीं किया जाएगा, बल्कि चरणबद्ध तरीके से अगले पांच वर्षों में राज्य में संचालित सभी मोबाइल चिकित्सा इकाइयों को धीरे-धीरे समाप्त कर दिया जाएगा। लेकिन मोबाइल मेडिकल यूनिट को हटाने से पहले राज्य में संचालित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में तब्दील किया जाएगा.
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में 12 पैकेज में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव विशाल चौहान ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह को निर्देश भेजा है. केंद्र सरकार के पत्र के आलोक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड के अपर अभियान निदेशक विद्यानंद शर्मा पंकज ने राज्य के सभी सिविल सर्जनों को आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
राज्य में प्रति 10 लाख की आबादी पर एक मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) संचालित है। प्रावधान के अनुसार एमएमयू में एक एमबीबीएस डॉक्टर के साथ अन्य पैरामेडिकल कर्मियों की उपलब्धता भी जरूरी है। लेकिन राज्य में एमएमयू के लिए एमबीबीएस डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र भेजकर एमबीबीएस के स्थान पर आयुष चिकित्सकों की सेवाएं लेने की अनुमति मांगी थी। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेषज्ञ समूह समिति ने इसकी अनुमति दे दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है कि राज्य में एमएमयू के सुचारू एवं नियमित संचालन के लिए किसी कारण से एमबीबीएस डॉक्टर उपलब्ध नहीं होने वाले स्थानों के स्थान पर आयुष चिकित्सकों की सेवाएं ली जा सकती हैं.
राज्य के लोगों को उनके घरों के समीप स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं स्वास्थ्य उपकेन्द्रों को हेल्थ एंड वैलनेस केन्द्रों में बदला जा रहा है। मोबाइल मेडिकल यूनिट की सेवाएं समाप्त होने से पहले सभी स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों को सुचारू रूप से संचालित किया जाएगा। स्वास्थ्य की सामूहिक सामुदायिक जिम्मेदारी को लेकर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को गंभीर बनाया जा रहा है। इसके लिए हर केंद्र में स्थानीय प्रतिनिधित्व बढ़ाया जा रहा है, ताकि स्थानीय लोग अपनी जरूरत के हिसाब से इसमें सुधार कर सकें।
सभी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटरों में कुल 12 पैकेज में प्राथमिक स्वास्थ्य की सामान्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अंतर्गत मातृ स्वास्थ्य, नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य, शिशु एवं युवा स्वास्थ्य, गंभीर संक्रामक रोगों का प्रबंधन, बुनियादी ओपीडी एवं संक्रामक रोग प्रबंधन, असंक्रामक रोगों का प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य, दंत चिकित्सा देखभाल, नेत्र एवं ईएनटी देखभाल, बुजुर्गों की देखभाल एवं आपातकालीन दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।