झारखंड
साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बनाकर उनकी जमा पूंजी लूट रहे हैं। ऐसे में कई लोग साइबर थाने में जाकर इसकी शिकायत कर देते हैं, लेकिन कई लोग जानकारी के अभाव में शिकायत नहीं करते हैं। हालांकि अब अगर कोई साइबर अपराधियों का शिकार बनता है तो वह सिर्फ चार अंकों के नंबर पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगा. इससे उनकी राशि उनके खाते में वापस भी आ सकती है। इसको लेकर धनबाद पुलिस ने अपने फेसबुक वॉल पर भी जानकारी साझा की है और लोगों से साइबर अपराधियों के झांसे में आने से बचने की अपील की है. लोगों से साइबर ठगी का शिकार होने पर तत्काल हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर जानकारी देने को कहा गया है।
धनबाद पुलिस ने अपील की है कि साइबर अपराधियों द्वारा ठगी का शिकार होने पर गृह मंत्रालय द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 1930 पर फोन कर पूरी जानकारी दें. जानकारी देने के बाद वह ऑनलाइन शिकायत www.cybercrime.gov.in पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराएं। इसके बाद तत्काल कार्रवाई की जाएगी और राशि को होल्ड पर रखा जाएगा। इससे ठगी के शिकार हुए व्यक्ति की राशि वापस की जा सकती है।
ठगी के शिकार व्यक्ति को हेल्पलाइन नंबर 1930 पर फोन करना होता है। यहां से पीड़ित को नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर औपचारिक शिकायत दर्ज कराने को कहा जाता है। इसके बाद वित्तीय मध्यस्थों (FI) की चिंता के साथ एक टिकट तैयार किया जाता है। धोखाधड़ी लेनदेन टिकट डेबिट (पीड़ित के बैंक खाते) और क्रेडिट एफआई (धोखाधड़ी करने वाले के बैंक या वॉलेट) के डैशबोर्ड पर दिखाई देता है। धोखाधड़ी के लेन-देन का विवरण उस बैंक या वॉलेट में चेक किया जा सकता है जहां टिकट भेजा गया है। यदि राशि वापस कर दी गई है, तो इसका विवरण अगले FI के साथ साझा किया जाता है। उसके बाद पहले वाली प्रक्रिया फिर से दोहराई जाती है। यदि राशि को स्थानांतरित नहीं किया गया है तो इसे रोक दिया गया है। हालांकि, शिकायत में देरी करने से पैसा मिलने की उम्मीद कम हो जाती है।