Jharkhand: 100 करोड़ के मिड-डे मील घोटाले में आरोपी संजय तिवारी की आरोपमुक्ति याचिका सीबीआई कोर्ट ने की खारिज


झारखंड

झारखंड में 100 करोड़ रुपये के मिड-डे मील घोटाले के आरोपी संजय तिवारी की डिस्चार्ज याचिका को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने खारिज कर दिया। सीबीआई ने उक्त मामले में संजय कुमार तिवारी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था। आपको बता दें कि संजय तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में खुद को बताया था कि वह 300.03 एकड़ में फैले चाय बागान के मालिक हैं. जांच के दौरान ईडी ने चाय बागान को अस्तित्वहीन और ईमेल पर हुई बातचीत को फर्जी पाया।

सीबीआई की विशेष अदालत में सोमवार को सुनवाई 

इस मामले में भानु कंस्ट्रक्शन के निदेशक संजय कुमार तिवारी पर भी सीबीआई ने मामला दर्ज किया था। इस मामले में कोर्ट ने 20 अप्रैल 2023 को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखते हुए 24 अप्रैल की तिथि निर्धारित की थी. सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।

6 मामले संजय तिवारी के खिलाफ दर्ज 

संजय तिवारी वर्तमान में बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल, होटवार रांची जेल में बंद है. आपको बता दें कि संजय तिवारी के खिलाफ ईडी, सीबीआई के अलावा ओडिशा, गाजियाबाद, रांची के अरगोड़ा थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी सहित छह प्राथमिकी दर्ज की गई है.

आरोपित संजय तिवारी ने दावा किया था 

बता दें कि आरोपी संजय तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया था कि वह अपनी संपत्ति बेचकर बैंक का पैसा चुकाने को तैयार है। अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट ने भी उन्हें जमानत नहीं दी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में अपने दावे को पुख्ता करने के लिए कुछ दस्तावेज भी पेश किए।

ईडी ने दावे को फर्जी बताया इधर, ईडी ने जांच में संजय तिवारी के दावे को फर्जी बताया। ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में संजय तिवारी द्वारा किए गए दावों की जांच के लिए अधिकारियों की एक टीम असम भेजी थी। जांच के दौरान ईडी को संजय तिवारी के स्वामित्व वाला चाय बागान कहीं नहीं मिला। वहीं, जालसाजी को देखते हुए खरीद-बिक्री से जुड़े दस्तावेजों की भी जांच की गई। इस दस्तावेज में जानकारी मिली कि वाराणसी में संजय तिवारी के नाम से कोई संपत्ति नहीं मिली है.