झारखंड
झारखंड के 'टाइगर' कहे जाने वाले डुमरी विधानसभा सीट से झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के विधायक जगरनाथ महतो का निधन हो गया। उन्होंने आज सुबह चेन्नई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में वे शिक्षा मंत्री थे। उनके निधन से बोकारो जिले सहित पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर लिखा, ''अपूरणीय क्षति! हमारे टाइगर जगरनाथ दा नहीं रहे!..”
झारखंड में 1932 की खतियान आधारित स्थानीय नीति को लागू करने के मुख्य स्तंभ के रूप में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को झारखंड के मूल निवासी वर्षों तक याद रखेंगे. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो झारखंड की डुमरी विधानसभा सीट से लगातार 2005, 2009, 2014 और 2019 का विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. अलग झारखंड राज्य के गठन में 'टाइगर' जगरनाथ महतो की अहम भूमिका थी.
जगरनाथ महतो के जुझारूपन और उनके संघर्षशील नेतृत्व को देखकर लोग उन्हें प्यार से 'टाइगर' कहकर संबोधित करते थे। टाइगर जगरनाथ महतो का जन्म 1967 में बिहार राज्य (वर्तमान झारखंड) के बोकारो जिले के अलारगो गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम नारायण महतो है।
अगर शिक्षा की बात करें तो जगरनाथ महतो मैट्रिक पास हैं। उसने दो साल पहले 11वीं में दाखिला लिया था। उसकी इच्छा थी कि कम से कम इंटर तो पास कर लूं। शिक्षा मंत्री की योग्यता को लेकर विपक्ष की ओर से यह सवाल उठाया गया था कि जिसके पास शिक्षा जैसा महत्वपूर्ण विभाग है, वह खुद मैट्रिक पास है.
खतियान नीति को पास करवाने में अहम भूमिका
झारखंड में 1932 की खतियान आधारित स्थानीय नीति की मांग झारखंड राज्य बनने से पहले से ही चल रही थी। हालाँकि, वर्तमान हेमंत सोरेन की सरकार ने 1932 की खतियान आधारित स्थानीय नीति को कैबिनेट और झारखंड विधानसभा से पारित करवा लिया है। झारखंड में 1932 की खतियान आधारित स्थानीय नीति को पारित कराने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह डुमरी के विधायक जगरनाथ महतो हैं.
कोरोना संक्रमित मिलने के बाद तबीयत बिगड़ी
एक बार अपने संबोधन में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा था कि जो 1932 के खतियान की बात करेगा, वही झारखंड पर राज करेगा. 28 सितंबर 2020 के मध्य में शिक्षा मंत्री कोरोना संक्रमित हो गए। बेहतर इलाज के लिए उन्हें रांची के रिम्स अस्पताल के बाद एक निजी अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था. उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें अक्टूबर 2020 में एयर एंबुलेंस के जरिए रांची से चेन्नई एयरलिफ्ट किया गया था.
चेन्नई के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था
उनका इलाज चेन्नई के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर में शुरू हुआ। कोरोना संक्रमण के कारण उनके फेफड़े पूरी तरह से निष्क्रिय हो गए थे। चेन्नई के ही एक अस्पताल में उनके फेफड़े ट्रांसप्लांट किए गए थे। करीब आठ महीने अस्पताल में बिताने के बाद शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो चेन्नई से अपने घर रांची झारखंड लौटे.
हालांकि, वह बीच-बीच में रूटीन चेकअप के लिए वाराणसी से चेन्नई जाते रहते थे। इसी बीच 14 मार्च 2020 को झारखंड विधान सभा के बजट सत्र के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दोबारा रांची से चेन्नई लाया गया, जहां आज यानी 6 अप्रैल को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
सीएम ने उन्हें 'टाइगर' कहकर दी श्रद्धांजलि
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें टाइगर कहकर श्रद्धांजलि दी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ ही तमाम कैबिनेट मंत्रियों और विपक्षी नेताओं ने भी टाइगर जगरनाथ महतो को श्रद्धांजलि दी और उनके निधन को झारखंड के लिए बड़ी क्षति बताया.