Bihar: गोपालगंज जिले की अद्यौगिक इकाईयां लगातार तोड़ रही है दम, बतीस सालों में कई लोग हुए बेरोजगार


गोपालगंज, बिहार
रिपोर्ट : सत्य प्रकाश


गोपालगंज जिला कभी बाढ तो कभी सुखाड़ की चपेट मे आता रहा है. यहां की आधी आबादी प्रत्येक वर्ष बाढ और सुखाड़ का दंश झेलने को विवश है. कभी यहां उद्योग धंधे के नाम पर दर्जनो अद्यौगिक इकाईयां चलती थी. लोगो को रोजी रोटी के लिए पलायन नही करना पड़ता था. परन्तु पिछले 32 साल मे अधिकांश अद्यौगिक इकाईयां धीरे धीरे बंद हो गयी और दोबारे उन्हे चालू नही किया जा सका.

काम करने वाले हजारो हाथ बेकार हो गये. उन्हे रोजी रोटी की तलाश मे पलायन को मजबूर होना पड़ता है. हथुआ सुगर वर्क्स लिमिटेड बिहार का एकलौता चीनी मिल था, जहां की उत्पादित चीनी विदेशो को जाती थी. हजारो हाथो के दम के बल पर यहां उत्तम गुणवत्ता की चीनी का उत्पादन होता था. परन्तु यह फैक्ट्री भी बंद हो गयी और इसके हजारो मजदूर बेरोजगार हो गये.

इसके साथ ही सासामूसा कार्टबोर्ड फैक्ट्री, सासामुसा चीनी मिल, पेपर मील, हथुआ डिस्टीलरी, हथुआ की डालडा फैक्ट्री, सोनाशती शराब फैक्ट्री आदि एक के बाद एक कर बंद हो गये. हजारो लोगो की रोजी रोटी छीन गयी पर 32 साल के शासन काल मे एक भी इकाई को चालू नही किया जा सका. बस कुल आबादी बिहार की विकास यात्रा, विश्वास यात्रा, निश्चय यात्रा, बिशेष पैकेज, शराबबंदी और दहेजबंदी का कोप बनती रह गयी.