मुजफ्फरपुर
जिंदगी में कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता. मुजफ्फरपुर की रहने वाली सुनीता को यह भी नहीं पता था कि जिस डॉक्टर के पास वह पेट दर्द की शिकायत लेकर गई थी, वह गर्भाशय फेल होने के ऑपरेशन के नाम पर उसकी दोनों किडनी निकाल देगा. ऑपरेशन के बाद जब परिजन अस्वस्थता के कारण सुनीता को लेकर पटना मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो जांच में पता चला कि उनकी दोनों किडनियां ही नहीं थीं. जिसके बाद सुनीता पर दुखों का ऐसा पहाड़ टूट पड़ा जिससे वह अब तक उबर नहीं पाई हैं. हालांकि सात महीने के इंतजार के बाद अब उन्हें डोनर मिल गया है, लेकिन इस डोनर की कहानी भी बेहद दर्दनाक है।
दरअसल, सुनीता को किडनी डोनेट करने वाले डोनर की उम्र 23 साल है। 23 साल की इस लड़की ने सुनीता से किडनी डोनेट करने के बदले 7 लाख रुपये मांगे हैं. दरअसल दाता बालिका की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उसे शादी करनी है जिसके लिए उसके परिवार के पास पैसे नहीं हैं। ऐसे में लड़की खुद सुनीता के घर पहुंची और किडनी डोनेट करने की पेशकश की.
किडनी के लिए सरकार 7 लाख रुपये दे
वहीं सुनीता के पति अकलू ने कहा कि डोनर अपनी किडनी देने को तैयार है, लेकिन उसके पास किडनी के लिए 7 लाख रुपये देने के पैसे नहीं हैं. पति अकलू ने सरकार से मांग की है कि सरकार उनकी पत्नी सुनीता की जान बचाने में उनकी मदद करे. उसका कहना है कि उसके पास इतना पैसा नहीं है कि वह उन्हें देकर अपनी पत्नी की जान बचा सके। ऐसे में सरकार को किडनी का खर्चा उन्हें देना चाहिए, ताकि सुनीता की जान बच सके।
आखिर क्या है पूरा मामला
मुजफ्फरपुर निवासी सुनीता काफी समय से पेट दर्द से परेशान थी। जिसके इलाज के लिए वह शुभकांत क्लीनिक गई थी। जहां डॉक्टर ने गर्भाशय खराब होने की बात कहकर उसे तुरंत ऑपरेशन करने की सलाह दी। जिसके बाद क्लीनिक संचालक ने 30 हजार रुपये लेकर सुनीता का ऑपरेशन किया, लेकिन ऑपरेशन के बाद महिला की तबीयत बिगड़ गई. परिजन सुनीता को लेकर पटना मेडिकल कॉलेज पहुंचे और वहां अल्ट्रासाउंड कराया तो पता चला कि उनकी किडनी नहीं है.