दनुआ घाटी पर खड़े ट्रक से टकराई ईको कार, मासूम की मौत; बुझ गया इकलौता चिराग


हजारीबाग

झारखंड के चौपारण स्थित जीटी रोड के दनुआ घाटी का लगभग 6 किमी का भाग पूरी तरह जानलेवा साबित हो रहा है। इस इलाके ने सैकड़ों जिंदगियां लील ली हैं। परंतु न तो एनएचएआइ और ना ही प्रशासन दुर्घटनाओं पर विराम लगाने में अब तक सफल हो पाया है। बुधवार मध्यरात्रि लगभग डेढ़ बजे रात घाटी के संझा इलाके में बड़ी दुर्घटना हुई।

नियति की क्रूरता देखें कि बिहार के औरंगाबाद जिले के बेला गांव से अभिषेक सिंह का परिवार काफी हंसी-खुशी से बाबा नगरी देवघर अपने इकलौते चिराग अंश सिंह के मुंडन के लिए गया था। परंतु वापसी में दनुआ घाटी ने मुंडन कराए 10 वर्षीय बच्चे अंश को ही लील लिया।

वहीं उसके पिता अभिषेक सिंह की हालत काफी गंभीर है, जिनका इलाज रांची में चल रहा है। अंश की मां, दादी और बुआ सहित कार चला रहे भाई को चोट आई है, परंतु पिता को छोड़ सभी खतरे से बाहर हैं। परिवार ने अपना इकलौता चिराग खो दिया है। पिता जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। मां को बेटे की मौत की सूचना नहीं दी गई है, वह बेसुध हैं।

दुर्घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार अभिषेक कुमार सिंह इको कार से बेटे अंश का मुंडन करवाकर लौट रहे थे। बुधवार देर रात संझा घाटी में जीटी रोड पर पहले से खड़े ट्रक को इको कार ने जोरदार टक्कर मार दी। इससे कार के पहली सीट पर बैठे बाप बेटे को गंभीर चोट आईं।

इस दर्दनाक हादसे में चालक समेत अन्य परिजन भी चोटिल हुए। रात के कारण परिवार को मदद मिलने में देर लग गई। पूरा परिवार चिखता रहा। उनके चित्कार के बाद रात में ही लोग मदद के लिए जुटे तथा पुलिस को सूचना दी गई। परंतु देर होने के कारण अंश के शरीर से काफी खून बह गया।

बड़ी मुश्किल से सभी को सामुदायिक अस्पताल लाया गया, जहां से बेहतर चिकित्सा के लिए पिता पुत्र को हजारीबाग भेज दिया गया। देर से इलाज होने के कारण चोटिल अंश चल बसा। पिता को रांची भेज दिया गया। पुलिस ने खड़ी ट्रक को पकड़ लिया। इधर, दनुआ घाटी के कातिल पंजे के शिकार अबोध बच्चा हो गया। नियति की इस क्रूरता की लोग चर्चा करते दिखे।