मदरसा नुरुल उलूम पिहरा में जलसा-ए-दस्तारबंदी कार्यक्रम का आयोजन




गावां, गिरिडीह 

गावां प्रखण्ड अंतर्गत पिहरा पूर्वी पंचायत में संचालित मदरसा नुरुल उलूम में जलसा-ए-दस्तार बंदी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आगाज़ मदरसा के मौलाना कारी शौकत साहब ने क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत से की। मदरसा के जिम्मेदारों ने बताया कि इस मदरसा से अब तक सैंकड़ों बच्चें हाफिजे कुरआन बन कर निकल चुका है जो बाद में बड़े बड़े आलिमे दीन बनकर देश के अलग अलग शहरों में खिदमत को अंजाम दे रहे है। बताया गया आज भी इस मदरसा से 16 बच्चों ने कुरआन मोकम्माल किया है जिसके खुशी ये कार्यक्रम का आयोजन किया गया है और उन सभी 16 बच्चों की दस्तारबंदी की गई और उन्हें सर्टिफिकेट दिया गया। इस दौरान मंच पर गंगा- यमुना तहजीब की बेहतरीन मिशाल पेश किया है। 
अतिथि के रूप में पिहरा पूर्वी पंचायत के पूर्व मुखिया श्री केशव प्रसाद, सौदागर साव, रामदास लाल, गौतम भक्त, बिनोद कुमार पांडेय, संतोष सताब, बिहारी यादव, शंकर राणा, राजमणि पांडेय, सकलदेव यादव, राहुल कुमार आदि दर्जनों प्रबुद्धजन कार्यक्रम की रौनक बढ़ा रहे थे जिन्हें कमिटी के द्वारा सम्मानित भी किया गया। 
इस कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश, बेंगलुरु, कोलकाता, चतरा और गिरिडीह के दर्जनों मोकर्रीर और शायर-ए इस्लाम ने अपने जलवे बिखेरे। मौलाना मोहम्मद अकरम साहब कासमी ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वो लोग खुशकिस्मत है जिनके बच्चे आज हाफिजे कुरान हुए है। उन्होंने कहा कि इस दुनिया मे सबसे खुशनसीब आदमी वो है जिनके मां- बाप जिंदा है और वो अपने मां- बाप की खिदमत करते है। कार्यक्रम को सफल बनाने में पिहरा के जिम्मेदार बुद्धिजीवी और नौजवानों ने अहम भूमिका निभाया। मौके पर पूर्व जीप सदस्य इमरान अंसारी, पूर्व मुखिया सबदर अली, मास्टर आलिम अंसारी, हाजी मो० छोटू, अब्दुल कय्यूम, हाफिज गुलाम सरवर, मोजाहिद अली, मो० मुस्तकीम, अब्दुल रज्जाक आदि दर्जनों लोग उपस्थित थे।