तिसरी, गिरिडीह
रिपोर्ट : पिंटू कुमार
तिसरी प्रखंड मुख्यालय सभागार में बुधवार को 20 सूत्री की बैठक का आयोजन किया गया था। किंतु बैठक में अधिकारियों के नदारद रहने से बैठक अनिश्चितकालीन धरना में तब्दील हो गया है। इस दौरान बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों द्वारा हंगामा करते हुए अधिकारियों पर कार्यवाही का मांग भी किए।
इस संबंध में जानकारी देते हुए बीस सूत्री अध्यक्ष मो मुनीम ने बताया कि बीस सूत्री का बैठक का आयोजन किया गया था किंतु लगभग सभी पदाधिकारी के नदारद रहने से बैठक को रद्द कर दिया गया है। उन्होंने तिसरी बीडीओ संतोष प्रजापति पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बीडीओ द्वारा सभी मुखिया को हाईजैक कर लिया गया है। मुखिया को 5 लाख तक का योजना करना है किंतु मुखिया का अधिकार छीन लिया गया है। डोभा, टीसीबी आदि को अगर निजी जमीन में कराना है तो बीडीओ सरकार द्वारा जारी किए गए चिट्ठी को दिखाए। साथ ही कहा कि उनसे चिट्ठी दिखाने की मांग की गई है किंतु वे चिट्टी नहीं दिखा रहे है। बीडीओ के इस मनमाने रवैए के कारण वे लोग अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं।
वहीं झामुमो प्रखंड अध्यक्ष रिंकू बरनवाल ने कहा कि बीस सूत्री की बैठक में बीडीओ, सीओ, वन विभाग, थाना आदि के मुख्य अधिकारी नदारद हैं। ऐसे में किससे सवाल जवाब किया जाएगा, इसलिए बैठक को रद्द कर दिया गया है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जितने भी ऊपर के पदाधिकारी हैं सभी अपने कार्यालय से गायब रहते हैं। और जब भी उनसे पूछा जाता है तो वह कहते हैं कि फील्ड में हैं। इसके साथ ही उन्होंने जेईई, एई, सीआई, बीडीओ आदि पर फील्ड में घूम कर मुद्रमोचन करने व फोन बंद कर रखने का आरोप लगाया है।
इसके अलावा विधायक प्रतिनिधि लक्ष्मण मोदी ने कहा कि इस बार जो बीस सूत्री की बैठक हुई इसमें लगभग सभी पदाधिकारी नदारद हैं। इसके बावजूद बैठक को संचालन करने का प्रयास किया गया। किंतु पिछले बार हुए बैठक में जो कार्यान्वित हुआ उसे अधिकारियों द्वारा अमल नहीं किया गया है। और नाही प्रस्ताव को अधिकारियों द्वारा उपायुक्त के पास भेजा गया है। साथ ही कहे कि ऐसा लगता है कि ये लोग सिर्फ प्रस्ताव लिखते है किंतु उसे पदाधिकारियों के पास भेजते नही हैं। अधिकारियों द्वारा जनप्रधिनिधियों के वजूद को नहीं समझा जाता है। इस कारण आज वे सभी अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही कहे कि जब तक सभी पदाधिकारी बैठक में आना स्वीकार नहीं करेंगे, जब तक सरकार उन पर कार्यवाही नही करेगी तब तक वे धरना पर बैठे रहेंगे।