धनबाद
लोगों को एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। केंद्र सरकार जर्जर अस्पताल का कायाकल्प करने जा रही है। इसकी सुविधाओं का लाभ यहां के आम पब्लिक को मिलेगा। दरअसल राज्य का सबसे बड़ा ईएसआई अस्पताल नीलाम होने जा रहा है। धनबाद के मैथन में स्थित इसकी अपनी ही कहानी है। बदहाली का दंश झेल रहे इस हाॅस्पीटल को राज्य सरकार चलाने में अब अक्षम है। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इसे अपने अधीन लेने की बात कही है। गौरतलब है कि यह अस्पताल पिछले चार दशक से झारखंड सरकार के अधीन था। होली के बाद नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। कोयलांचल धनबाद में ऐसा पहली बार हो रहा है जब झारखंड राज्य अपनी संपत्ति को केन्द्र सरकार के पास बेचने को विवश है। इसका सबसे बड़ा कारण अस्पताल की जर्जरता ही रही।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से अस्पताल को अब नया जीवनदान दिया जाएगा। सुपर स्पेशलिस्ट विभाग के अधिकारी की मानें तो इसके कायाकल्प में बीस करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च होंगे, जिसमें कुल सौ बेड होंगे। जल्द ही राज्य और केंद्र के अधिकारी इसका निरीक्षण करेंगे। इसकी सूरत बदलने के साथ ही धनबाद और इसके आस-पास के लोग इससे लाभांवित होंगे।
वर्तमान में इस अस्पताल में एक चिकित्सक और लगभग 15 अस्थाई और आउटसोर्सिंग पर कर्मचारी काम कर रहे हैं। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मियों को यहां स्थानांतरण किया था। अब इन्हें वापस स्वास्थ्य विभाग या इएसआइ के दूसरे डिस्पेंसरी में भेजने की बात कही जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से उनके अंदर एक आश जगी है। उन्हें यह विश्वास है कि अब अस्पताल की कुव्यवस्था दूर होगी।
अस्पताल के कायाकल्प होने से यहां के श्रमिकों को इसका लाभ मिलेगा। अस्पताल में समन्वय चिकित्सा एवं सेवा के अलावा सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सा का मरीजों को लाभ मिल पाएगा। स्त्री एवं प्रसूति रोग, मेडिसिन सर्जरी नाक, कान, गला, नेत्र रोग, शिशु रोग आदि विभाग चलेंगे। इसके साथ ही हृदय रोग की भी जांच की व्यवस्था होगी। सभी प्रकार की बड़ी शल्क चिकित्सा धनबाद के मैथन में हो पाएगी। मरीज सीधे अस्पताल में जाकर भर्ती ले सकेंगे। इसके लिए उन्हें तत्काल किसी कागजी प्रक्रिया के पचड़े में भी नहीं पड़ना होगा।