झारखंड में पहली बार देवरी के बाबा जागनाथ धाम में किया गया महर्षि वाल्मीकि रामायण पाठ



देवरी, गिरिडीह
रिपोर्ट : रंजीत कुमार 

▪️ब्रह्मऋषि डॉक्टर रामविलास वेदांती जी ने प्रेस वार्ता कर दी श्री रामचरितमानस की विस्तृत जानकारी एवं षड्यंत्र कारियों का किया पर्दाफाश 

गुरुवार को देवरी प्रखंड स्थित बाबा जागनाथ धाम में महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण का पाठ किया गया। इस दौरान प्रेसवार्ता कर ब्रह्मऋषि डाक्टर रामविलास वेदांती ने रामचरितमानस की विस्तृत जानकारी दी और षड्यंत्रकारियों पर तीखे वार किए। उन्होंने कहा कि झारखंड में पहली बार आज देवरी में महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण का पाठ किया जा रहा है।

इस दौरान जानकारी देते हुए ब्रह्मऋषि वेदांती जी महाराज ने बताया कि भारतीय सनातन धर्म को विखंडित करने में राजनीतिक दल के लोग अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र तैयार कर रहे हैं। कहा बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव शिक्षा के क्षेत्र में जीरो है। शिक्षा क्या है, शिक्षा का स्तर क्या है, शिक्षा कब किसको दी जाती है उन्हें ये सब पता ही नहीं है। मोदी की बढ़ती हुई छवि को इन लोगों ने पहले सोचा कि हिन्दू मुस्लिम और जाती पाती के नाम पर देश के लोगों को खंडित किया जाय किन्तु सफल नहीं हुए। इधर मोदी के प्रयास से जब जम्मू कश्मीर में पहली बार भाजपा की सरकार बनी, पश्चिम बंगाल में भी भाजपा 20 सीटों पर जीती तो इन राजनीतिज्ञों को लगने लगा कि हिन्दू समाज एक हो गया। जिसे लेकर भारत के धार्मिक विद्वानों को तोड़ने का वे तरकीब सोचने लगे। अब मोदी के साथ समस्त हिन्दू समाज जुट गए हैं। इसको कैसे सत्ता से हटाया जाए इसके लिए राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी आदि विरोधी दल के जो नेता थे, सभी ने एक अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र रचा जिसमें चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश का हाथ है। जाती के आधार पर लालू यादव, मुलायम सिंह यादव और ममता बनर्जी ने हिन्दू समाज को नहीं बांट पाए तब आध्यात्मिक शक्ति को भ्रमित करने के लिए जाती पाती छुवा छुत की भावनाओं से लोगों को आपस में लड़ने का षड्यंत्र किया गया, जो ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाला है।
क्या कहते हैं स्वामी प्रसाद मौर्य का रामचरितमानस के प्रति विवाद पर

इस बाबत वेदांती जी ने बताया कि यदि तुलसी दास जी, महर्षि वेद व्यास या चाणक्य के द्वारा या महर्षि बाल्मीकि के द्वारा लिखा गया ग्रंथ धार्मिक ग्रंथ नहीं है, तो क्या स्वामी प्रसाद मौर्य का कोई ग्रंथ है जो धार्मिक ग्रंथ हो सकता है? शायद स्वामी प्रसाद को यह पता ही नहीं है कि धार्मिक ग्रंथ कौन है ? अधात्यमिक ग्रंथ कौन है? सांस्कृतिक ग्रंथ कौन है और वैदिक ग्रंथ कौन है ? उन्होंने सिर्फ ग्रंथों का अध्ययन नहीं सिर्फ रानितिक का अध्ययन किया है। क्योंकि ये कोई धर्म गुरु और कोई बड़े लेखक नहीं है जो ग्रंथों के बारे में बताएंगे। जो समय समय पर पार्टी को बदलते रहते हैं, ऎसे व्यक्ति का कोई ठिकाना नहीं होता तो धर्म ग्रंथ के बारे में क्या बताएंगे। ऐसे लोगों के बातों पर किसी जनता को विश्वास नहीं करना चाहिए। ये लोग जनता को भ्रमित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत विदेशी पैसा, अतांकवादियों का पैसा भारत में भरी मात्रा में आता है और आतंकवादियों के बलपर देश के हिन्दुओं को आपस में विवादित करने के लिए आतंकवाद के दुर्घटनाओं को पनपने के देने लिए खर्च करते हैं, इसकी वह घोर निंदा करता है।
क्या कहते है देश की जनता के लिए

इस बाबत वेदांती जी ने बताया कि देश आजादी के बाद इस प्रकार कोई विवाद नहीं हुआ, लेकिन अभी जो धार्मिक विवाद हो रही है इसका मूल कारण राजनीतिक द्वेष, राजनीतिक ईर्ष्या और राजनीतिक षड्यंत्र है। ये द्वेष केवल पाकिस्तानी, चाइना, बांग्लादेशी आतंकवादी के इशारे पर, कम्युनिस्टों के इशारे पर किया जा रहा है, जिसकी वे घोर निंदा करते हैं। भगवान राम ने सब को साथ लेकर चला किसी के साथ भेद भाव नही किया इसलिए हम सभी को मिलकर इस षड्यंत्रकारी लोगों का पर्दा फास करना चाहिए।

लगभग सभी देशों में की गई है रामचरितमानस की रचना 

श्री वेदांती जी ने बताया कि विश्व के लगभग सभी देशों में विभिन्न प्रांतों के विभिन्न भाषाओं में श्रीरामचरितमानस की रचना की गई है। और लगभग सभी देशों में रामायण पढ़ाई जाती है। भारत से प्रति वर्ष लगभग एक लाख से अधिक वैदिक विद्वान महर्षि महेश योगी के विद्यालयों से विश्व भर में पढ़ने के लिए भेजे हैं। जब श्री राम जन्मभूमि पूजन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी कर रहे थे, उस समय भी उन्होंने विश्व में लिखी गई सभी का चित्रण किया गया।